बिहार में अब लाल आतंक की उलटी गिनती चल रही है. नक्सल आतंक अब अपनी समाप्ति की ओर है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासन काल के दौरान इस आतंक के लिखाफ वर्षों से अभियान चलाया जा रहा है. जिसका असर साफ दिखने लगा है. इस साल 2025 में अब तक एक भी नक्सली हिंसा की वारदात नहीं हुई है. वहीं, फर्जी नक्सली गतिविधियों के खिलाफ भी सख्त कदम उठाए गए हैं.बिहार पुलिस, एसटीएफ और सीआरपीएफ की संयुक्त कार्रवाई ने राज्य के सुदूरवर्ती जंगलों तक नक्सलियों की कमर तोड़ दी गई है. पुलिस मुख्यालय की मानें तो अब सिर्फ मुंगेर और जमुई जिलों के कुछ दुर्गम जंगलों में ही इनकी गतिविधियां रह गई हैं. मगर कभी ये इलाके नक्सल का गढ़ कहे जाते थे. औरंगाबाद जैसे जिले भी अब शांत हैं। हालांकि, सतर्कता बरकरार रखते हुए इन इलाकों को अलर्ट पर रखा गया है.