टूटे रास्ते, उफनते गदेरे… भगवान भरोसे चल रही द्वितीय केदार मदमहेश्वर यात्रा, सुरक्षा इंतजाम तक नहींं

उत्तराखंड में बारिश और लैंडस्लाइड के बीच पंच केदारों में शामिल द्वितीय केदार मदमहेश्वर धाम की यात्रा भगवान भरोसे चल रही है. देश-विदेश से पहुंचने वाले तीर्थ यात्री जान जोखिम में डालकर यात्रा कर रहे हैं. कुछ दिनों से डार गांव और वनतोली के बीच क्षतिग्रस्त रास्ते पर सफर करना यात्रियों के लिये काफी मुश्किल भरा हो रहा है. क्षतिग्रस्त रास्ते पर सफर करते समय अगर पहाड़ी से बोल्डर गिरे तो नीचे से उफान में बह रहे गधेरे का खतरा है. जबकि पास ही मोरखंडा नदी को पार करने के लिये यात्रियों और स्थानीय लोगों को ट्राली का सहारा लेना पड़ रहा है. ट्राली के एक छोर का आधार स्तंभ भी लगातार मोरखण्डा नदी की ओर धंस रहा है. जिससे खतरा और भी बढ़ गया है.बारिश इन दिनों पहाड़ों पर आफत बनकर बरस रही है. कही रास्ते टूट रहे हैं तो कही आवासीय भवन ध्वस्त हो रहे हैं. मॉनसूनी सीजन के दो-तीन महीने निकालना पहाड़ के लोगों के लिए मुश्किल भरे रहते हैं. इस दौरान यहां के लोगों को बहुत ही परेशानी झेलनी पड़ती है. जिदंगी तक का कुछ भरोसा नहीं रहता है. इसी तरह से कुछ समस्याओं का सामना द्वितीय केदार मदमहेश्वर धाम जाने वाले यात्रियों के अलावा गौंडार समेत आस-पास के स्थानीय लोगों को भी इन दिनों करना पड़ रहा है.

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