शनिवार रात 10 बजे दिल्ली रेलवे ब्रिज स्थल पर यमुना नदी का जलस्तर 205.91 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जो खतरे के स्तर 205.33 मीटर से सिर्फ 0.58 मीटर ज्यादा है. सेंट्रल वाटर कमीशन की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक यमुना अब भी “severe flood situation” में है. बता दें यमुना के जलस्तर की निगरानी ओल्ड रेलवे ब्रिज से की जाती है, जो बाढ़ के खतरे का प्रमुख संकेतक है. अधिकारियों ने बताया कि हालात पर नजर रखी जा रही है और सभी एजेंसियां सतर्क हैं. दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, मयूर विहार, कश्मीरी गेट और यमुना किनारे के अन्य इलाकों में अस्थायी तंबू लगाकर निचले क्षेत्रों में रहने वालों को आश्रय दिया गया है.यमुना नदी की बाढ़ से बेघर हुए 70 से अधिक परिवार अब दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर अक्षरधाम के पास अस्थायी तंबुओं (टेंट) में रह रहे हैं. गीली जमीन पर सोना, मच्छरों से बचना और तंबुओं में जैसे-तैसे रहना उनकी मजबूरी बन गई है. वहीं सेंट्रल वाटर कमीशन की ताजा फोरकास्ट रिपोर्ट के मुताबिक 07 सितम्बर की सुबह 08 बजे तक यमुना नदी का जलस्तर और घटकर 205.45 मीटर रहने की संभावना है. पिछले कुछ दिनों से ऊपरी यमुना जलग्रहण क्षेत्र में भारी वर्षा और हथिनी कुंड बैराज से बड़ी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण राष्ट्रीय राजधानी के कुछ इलाकों में बाढ़ का संकट बना हुआ है.