मुंबई की आस्था का सबसे बड़ा पर्व गणेशोत्सव का आखिरी दिन “गणपति विसर्जन” विवादों के ग्रहण में घिर गया. बात मुंबई के सबसे प्रसिद्ध लालबाग के राजा की है, जिनके विसर्जन में 35 घंटे लग गए. समंदर किनारे ही बप्पा 13 घंटे तक अटके रहे. एक दो नहीं बल्कि तीन बार विसर्जन की कोशिश हुई और समय ग्रहण के करीब जाता गया. आइए जानते हैं कि लाल बाग के राजा की विदाई पर किस तरह विवाद छिड़ा है.आस्था का सैलाब, भक्ति की दीवानगी और इंतजार की हद. यह सब लालबाग के राजा के विसर्जन के दौरान देखने को मिला. हालांकि लेकिन इस बार सबसे लोकप्रिय पंडाल के बप्पा की विदाई का ये सफर ग्रहण के साए से गुजरकर विवादों के भंवर में फंस गया.