बिहार विधानसभा चुनाव का माहौल धीरे-धीरे गर्माता जा रहा है. सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने कार्यकर्ताओं को जोड़े रखने और जमीनी स्तर पर तालमेल मजबूत करने के लिए प्रदेश भर में कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित करने की शुरुआत की है. इस सम्मेलन का उद्देश्य था कार्यकर्ताओं के बीच एकजुटता का संदेश देना, चुनावी रणनीति पर चर्चा करना और गठबंधन की ताकत को जनता के सामने दिखाना. लेकिन सम्मेलन के दौरान जो दृश्य सामने आए, उन्होंने पूरे मकसद पर सवाल खड़े कर दिए हैं.सम्मेलन में नेताओं की नोकझोंककार्यकर्ता सम्मेलन का मंच विचार-विमर्श और भविष्य की रणनीति बनाने का केंद्र होना चाहिए था, लेकिन वहां एनडीए घटक दलों के नेताओं के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली. हालात इतने बिगड़े कि मंच पर ही आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया. दिलचस्प यह भी रहा कि सीट बंटवारे की औपचारिक घोषणा से पहले ही कई सीटों पर उम्मीदवारों के नाम सामने आने लगे, जिससे तनाव और बढ़ गया.