मॉनसून इस बार उत्तर भारत के लिए राहत से ज्यादा आफत बन गया है. उत्तराखंड से लेकर हिमाचल तक हर जगह बारिश ने तबाही मचा दी है. नदियां उफान पर हैं, सड़कें ध्वस्त हो चुकी हैं और भूस्खलन ने कई जिलों को देश से काट दिया है. हजारों लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षित ठिकानों पर जाने को मजबूर हैं, जबकि बिजली-पानी की आपूर्ति और स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा चुकी हैं. मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों के लिए अलर्ट जारी किया है और प्रशासन एनडीआरएफ-एसडीआरएफ के साथ राहत व बचाव कार्यों में जुटा है. उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में पिछले कई दिनों से लगातार बारिश हो रही है. गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के कई इलाकों में सड़कें कट गई हैं और दर्जनों गांव संपर्क से कट गए हैं. चारधाम यात्रा भी प्रभावित हुई है. केदारनाथ और बद्रीनाथ जाने वाले रास्तों पर जगह-जगह भूस्खलन हुआ है, जिसके कारण श्रद्धालुओं को बीच रास्ते ही रोकना पड़ा. पिथौरागढ़, चंपावत और उत्तरकाशी जिलों में नदी-नालों का जलस्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. कई स्थानों पर मकान बहने और पुल टूटने की घटनाएं सामने आई हैं. प्रशासन ने अलर्ट जारी करते हुए लोगों को सुरक्षित जगहों पर जाने की अपील की है.