बिहार चुनाव से पहले लालू परिवार से जो खबरें आ रही है वो सुर्खियां बनी हुई हैं. लालू यादव की बेटी और तेजस्वी यादव की बड़ी बहन रोहिणी आचार्य के नाराज होने की बात है, क्योंकि उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकांउट से पार्टी,लालू यादव और तेजस्वी यादव को अनफोलो कर दिया था. कुछ देर के लिए उनका एकाउंट प्राइवेट हो गया था मगर बाद में उसे फिर पब्लिक किया गया. इससे पहले भी तेज प्रताप यादव परिवार से बगावत कर चुके हैं, वो भी अपने विवाहोत्तर संबंधों को लेकर.लालू यादव ने तेज प्रताप को घर और पार्टी से निकाल दिया है. तेज प्रताप ने अब अपनी अलग राह पकड़ ली है और अपने कारनामों से अपने ही परिवार या कहें तेजस्वी की राह में रोड़े खड़े कर रहे हैं.अब सबसे बड़ी बात है कि लालू परिवार में कलह की वजह क्या है?संजय यादव हैं तेजस्वी के आंख और कानवजह है कि राजद के राज्यसभा सांसद संजय यादव जो तेजस्वी के सबसे करीबी हैं और उनकी आंख और कान हैं.संजय यादव की हैसियत को कुछ इस तरह समझिए वो तेजस्वी के लिए वही हैं, जो सोनिया गांधी के लिए अहमद पटेल थे या आजकल राहुल गांधी के लिए केसी वेणुगोपाल हैं.बड़े नेता को होती है एक संजय की जरूरतदरअसल, हर बड़े नेता को एक संजय की जरूरत होती है, यही इतिहास है और यही सच है.अब आप कहेंगे कि ये संजय यादव कौन है.संजय यादव हरियाणा के महेन्द्रगढ़ के रहने वाले हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय से एमबीए हैं.गुडगांव में उन्होंने नौकरी भी की है और सबसे बड़ी बात है कि तेजस्वी के दोस्त हैं.दोनों क्रिकेट के शौकीन हैं और दोनों क्रिकेट की एक ही अकेडमी में थे.जब लालू यादव रांची की जेल में थे और तेजस्वी आरजेडी और बिहार की राजनीति में पांव जमाने के लिए संघर्ष कर रहे थे, तभी से संजय यादव तेजस्वी के साथ हैं और उनकी मदद कर रहे हैं.जब परिवार की आंखों में खटकने लगे संजयपहले वो परदे के पीछे थे तो किसी को दिक्कत नहीं थी, मगर जब तेजस्वी ने संजय यादव को अपना राजनैतिक सलाहकार बनाया और 2024 में राज्यसभा दी तब वो परिवार और पार्टी के नेताओं के आंखों में खटकने लगे, क्योंकि राज्यसभा पर इन सबकी नजर रहती है