सोमवार को इजिप्ट के शहर शर्म-अल-शेख में माहौल बिल्कुल किसी समिट का था. यहां पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी पहुंचे थे. शहबाज ने फिर अपने उसी पुराने अंदाज में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ की और उन्हें एक बार फिर नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नॉमिनेट कर डाला. लेकिन अब उनकी इसी अदा को उनके मुल्क में चापलूसी करार दिया जा रहा है. पाकिस्तान के अखबार द डॉन में आए एक आर्टिकल में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के शब्दों और उनकी तारीफ का विश्लेषण किया गया है. हालांकि इसी आर्टिकल में यह भी कहा गया है ‘चापलूसी वाली रणनीति’ से शरीफ ने वह, हासिल कर लिया जो दुनियाभर में चर्चा का विषय बन गई है. शहबाज की हरकत बनी सुर्खियां इस आर्टिकल को अहमद सज्जाद मलिक ने लिखा है और वह यूके में रेवेन्यू एंड कस्टम्स के साथ जुड़े हैं. उन्होंने लिखा है, ‘इजिप्ट के शर्म अल-शेख में हुई समिट में जैसे ही पीएम शहबाज शरीफ ने माइक्रोफोन संभाला तो माहौल बदल गया, गंभीरता की जगह तमाशा छा गया. गाज़ा के भविष्य पर चर्चा के लिए विश्व नेताओं की बैठक से पहले, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कोई अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जमकर तारीफ की. उन्होंने ट्रंप को ‘शांति पुरुष’ कहा और नोबेल पुरस्कार के लिए नॉमिनेट करने की बात कही. साथ ही भारत-पाकिस्तान के बीच परमाणु वॉर टालने का श्रेय उन्हें दिया. ट्रंप भी आत्मसंतुष्टि से भरी मुस्कान के साथ देख रहे थे, जबकि बाकी हॉल अविश्वास और हैरानी के बीच मानो जम गया. तालियों की गड़गड़ाहट में भी झिझक थी और यही हरकत तुरंत दुनिया की सुर्खियां बन गई.