गुरिल्ला वॉर, एम्बुश और पहाड़ी रणनीति, अफगान लड़ाके पाक सेना पर भारी

अफगानिस्तान और पाकिस्तान में पिछले दिनों जमकर गोलीबारी हुई. बात करते हैं अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच की इसी भयंकर लड़ाई की. क्या अब शहबाज शरीफ और जनरल मुनीर ने तय कर लिया है कि उन्हें शांति नहीं, बल्कि जंग चाहिए? जब काबुल से 4700 किलोमीटर दूर इस्तांबुल में शांति वार्ता चल रही थी, उसी वक्त अफगान-पाकिस्तान बॉर्डर पर जोरदार भिड़ंत हो रही थी. कुर्रम और वजीरिस्तान में पाक-अफगान सेनाओं के बीच गोलियां चलने लगीं. कई घंटों तक दोनों तरफ की पोस्टों पर भीषण गोलीबारी होती रही.पाकिस्तान और अफगानिस्तान के क्या दावेअफगानिस्तान की ओर से हुए हमलों में पाकिस्तान के 5 सैनिक मारे गए, जबकि पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने 25 अफगानी लड़ाकों को मार गिराया है. पाक सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने कहा कि अफगानिस्तान की ओर से घुसपैठ की कोशिश की जा रही थी. मुनीर की फौज ने दावा किया कि ये घुसपैठिए TTP जैसे आतंकी गुटों से जुड़े थे. हालांकि तालिबान के प्रवक्ता ने इसे पाकिस्तान का अंदरूनी मामला बताया और कहा कि ये झड़पें पाकिस्तान की आंतरिक समस्या हैं, अफगानिस्तान शांति चाहता है.

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