तंजानिया में चुनाव के बाद भयानक हिंसा, 700 लोगों की मौत का दावा

अफ्रीकी देश तंजानिया में आम चुनाव के बाद हालात बेकाबू हो गए हैं. चुनाव के नतीजों से पहले ही शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन अब हिंसक रूप ले चुका है. कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि इस हिंसा में करीब 700 लोगों की मौत हुई है. हालांकि सरकार की ओर से किसी आधिकारिक आंकड़े की पुष्टि नहीं की गई है. बताया जा रहा है कि यह संख्या अस्पतालों में भर्ती और मरने वालों के आधार पर विपक्षी दलों ने जारी की है. दंगों के बाद इंटरनेट बैन दरअसल, बुधवार को तंजानिया में आम चुनाव हुए थे. लेकिन नतीजे आने से पहले ही सत्ताधारी पार्टी पर फर्जीवाड़े के आरोप लगने लगे. विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि वोटिंग में धांधली की गई और उनके प्रमुख नेताओं को जेल में डाल दिया गया. इसी के विरोध में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए. देखते ही देखते विरोध हिंसक हो गया, आगजनी और सुरक्षा बलों से झड़पें शुरू हो गईं. हालात काबू से बाहर होने पर सरकार ने कर्फ्यू और इंटरनेट बैन लागू कर दियाइस बीच, आज आए चुनाव परिणामों में सत्ताधारी दल को भारी बहुमत मिला है. राष्‍ट्रपति सामिया सुलुहू हसन को 98 प्रतिशत वोट के साथ विजेता घोषित किया गया है जबकि विपक्षी उम्मीदवारों को दौड़ से बाहर कर दिया गया है. राष्‍ट्रपति बनने के बाद सामिया ने कहा कि प्रदर्शनकारियों की कार्रवाई न तो जिम्मेदाराना थी और न ही देशभक्तिपूर्ण. उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी उपलब्ध सुरक्षा उपायों का उपयोग किया जाएगा. राष्‍ट्रपति सामिया के खिलाफ विरोध क्यों?राष्‍ट्रपति सामिया की पार्टी तंजानिया की आजादी के बाद से ही सत्ता में है. वर्ष 2021 में पूर्व राष्ट्रपति जॉन मैगुफुली के निधन के बाद सामिया देश की पहली महिला राष्‍ट्रपति बनीं. शुरुआती दौर में उन्हें राजनीतिक खुलापन बढ़ाने के लिए सराहा गया था. लेकिन अब उन पर विरोधियों की आवाज दबाने और लोकतंत्र को कमजोर करने के आरोप लग रहे हैं. फिलहाल तंजानिया में सामिया के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन जारी हैं, और हालात अभी भी तनावपूर्ण बने हुए हैं.

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