कानपुर का गंगा बैराज जहां कभी हंसी-ठहाकों और सुकून के पल बिखरते थे, अब वहां खून के धब्बे, टूटे सपने और मौत का सन्नाटा पसरा है. यह अब पिकनिक स्पॉट नहीं, बल्कि उन बेलगाम दरिंदों का रेसिंग ट्रैक बन चुका है, जिनके लिए रफ्तार का रोमांच किसी की जिंदगी से बढ़कर है. गुरुवार की काली शाम इसी खूनी खेल ने एक और घर का चिराग बुझा दिया. 23 साल की भाविका गुप्ता जिसकी आंखों में भविष्य के अनगिनत सपने थे, उसे स्टंटबाजों ने अपनी बाइक से रौंदकर मौत की नींद सुला दिया.स्पोर्ट्स बाइकर्स ने ले ली जानबीए की छात्रा भाविका अपनी सहेली नेहा के साथ बस कुछ पल सुकून के बिताने बैराज गई थी. लौटते वक्त, जैसे ही उसने टी-पॉइंट से अपनी स्कूटी मोड़ी तो मौत साक्षात दो बाइकों पर सवार चार युवकों के रूप में सामने आ गई. करीब 110 किलोमीटर प्रति घंटे की आंधी की रफ्तार से वे हवा को चीरते हुए नहीं, बल्कि मौत को दावत देते हुए आ रहे थे. इससे पहले कि भाविका कुछ समझ पाती, एक स्पोर्ट्स बाइक ने उसे सीधी टक्कर मारी. टक्कर इतनी भयावह थी कि स्कूटी के टुकड़े-टुकड़े हो गए.










