लाल किला ब्लास्ट ने देश में आतंक फैलाने की एक बड़ी साजिश का खुलासा किया है. ‘सफेदपोश’ आतंकी हमास की तरह छोटे रॉकेट और ड्रोन से हमला करना चाहते थे. हमलों को अंजाम देने के लिए इम्प्रोवाइज्ड रॉकेट और मॉडिफाइड ड्रोन की साजिश थी. आत्मघाती ड्रोन अटैक की भी योजना बनाई गई थी. हमास इस तरह के छोटे, सस्ते मगर दमदार ड्रोन के जरिए बड़े पैमाने पर तबाही मचाता रहा है. एक्सपर्ट्स ने बताया कि ये छोटे रॉकेट और हथियारबंद ड्रोन कितने घातक साबित हो सकते थे. 20 सेकंड में 25KM दूर तक तबाहीइन हथियारों की रेंज करीब 25 किलोमीटर होती है. इन्हें एक से दूसरी जगह लाना-ले जाना आसान होता है. एक रॉकेट को महज 20 सेकंड में दागा जा सकता है.एक मिनट में 3 रॉकेट छोड़कर तबाही मचाई जा सकती है. इन्हें धरती या हाथ से भी छोड़ा जा सकता है.एक बार में 2 से 50 किलो तक विस्फोटक ले जाने में सक्षम.










