प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अवैध कोयला खनन और तस्करी के बड़े नेटवर्क पर शिकंजा कसते हुए पश्चिम बंगाल और झारखंड में 44 ठिकानों पर शुक्रवार को एक साथ छापेमारी की. यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 की धारा 17 के तहत की गई. तलाशी के दौरान ईडी ने 14 करोड़ रुपये से ज्यादा की नकदी, सोना-आभूषण, जमीन के सौदों से जुड़े दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस और अन्य कागजात बरामद किए हैं. ईडी के मुताबिक, ये सबूत कोयला सिंडिकेट के अवैध कारोबार और मनी लॉन्ड्रिंग की पुष्टि करते हैं. झारखंड में जिन 20 ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की है, वे धनबाद और दुमका में स्थित हैं. यह सभी ठिकाने लाल बहादुर सिंह, अनिल गोयल, संजय खेमका, अमर मंडल और उनकी कंपनियों/संस्थाओं और संबंधित व्यक्तियों से जुड़े हैं. इसके साथ ही ईडी ने पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर, पुरुलिया, हावड़ा और कोलकाता के 24 ठिकानों पर छापेमारी की है. इनमें नरेंद्र खड़का, कृष्ण मुरारी कयाल, युधिष्ठिर घोष, राज किशोर यादव समेत कई नाम शामिल हैं. पुलिस की ओर से दर्ज FIR पर आधारित ED जांच ईडी की जांच पश्चिम बंगाल और झारखंड पुलिस द्वारा दर्ज की गई कई एफआईआर पर आधारित है. ईडी जांच में सामने आया है कि झारखंड से पश्चिम बंगाल तक कोयले की तस्करी का बड़ा नेटवर्क सक्रिय है. यह रैकेट स्थानीय अधिकारियों की मदद से चल रहा था और अवैध कमाई का बड़ा हिस्सा डायरियों और रजिस्टरों में दर्ज मिला.










