बिहार में शराबबंदी को लेकर सियासी बयानबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है. गया में आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने फिर से इस मुद्दे पर विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि मजदूर अगर काम करके शराब पीता है तो उसे पकड़ना नहीं चाहिए. साथ ही मांझी ने आरोप लगाया कि पुलिस बड़े शराब कारोबारियों को छोड़ देती है और गरीबों को जेल भेज देती है. साथ ही इस दौरान मांझी ने महुआ और ईख से बनी शराब पीने का सुझाव भी दे दिया और इसे फायदेमंद बताया. शराब को लेकर क्या बोले जीतनराम मांझी?मांझी ने कहा कि आज जो शराब बनती है उसमें मिलावट होती है, जिससे लोग मर रहे हैं.उन्होंने सुझाव दिया कि महुआ और ईख से बनी देसी शराब पीजिए, इससे नुकसान नहीं बल्कि फायदा होगा.मांझी ने दावा किया कि शराबबंदी कानून के तहत उनके समाज पर 5 लाख मुकदमे दर्ज हैं.इसके साथ ही जीतनराम मांझी ने कहा, “शराबबंदी पर नीतीश कुमार को तीसरा समीक्षा के लिए भेजे हैं. उसमें यह है कि कोई मजदूर काम करके शराब पीकर घर जा रहा है तो उसे पकड़ना नहीं चाहिए, लेकिन पुलिस लोग हजारों हजारों गैलन शराब वालों को गट्टा लेकर छोड़ देते हैं, लेकिन हमारा आदमी को फूंकवाकर जेल भेज देते है.










