मालेगांव बम विस्फोट मामले में एक चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है. स्पेशल एनआईए कोर्ट के डिटेल्ड ऑर्डर में इस बात का जिक्र किया गया है कि महाराष्ट्र एटीएस के पूर्व अधिकारी महबूब मुजावर ने दावा किया था कि उन पर एटीएस के वरिष्ठ अधिकारियों ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने का दबाव डाला था. बात न मानने पर उन्हें फर्जी केस में फंसा दिया गया. मुजावर के मुताबिक, उन्हें मोहन भागवत को हिरासत में लेकर गिरफ्तार करने का आदेश दिया गया था, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया था. उन्होंने यह निर्णय इसलिए लिया क्योंकि उन्हें इस केस में भागवत की कोई संलिप्तता नजर नहीं आई. उनका यह भी कहना है कि इस आदेश को न मानने की कीमत उन्हें चुकानी पड़ी और उन्हें एक फर्जी केस में फंसा दिया गया. यह मुकदमा सोलापुर के मजिस्ट्रेट कोर्ट में दर्ज हुआ.