बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और यहां की राजनीति पर चर्चा केवल चाय पर ही नहीं, बल्कि सत्तू के गिलास पर भी होती है. सत्तू जिसे बिहार का ‘हॉर्लिक्स’ कहा जाता है, ये लोगों के लिए सुबह के नाश्ते का हिस्सा है. नमक, भुना हुए जीरे का पाउडर, नींबू, मिर्च, प्याज… 100 ग्राम सत्तू के साथ घोल के पेट मे डाला और मिजाज मस्त. सुबह-सुबह सत्तू के ठेले पर लोगों की भीड़ जुटना रोज का सीन है और लोग जुटते हैं तो कई मुद्दों पर चर्चा भी करते हैं. पटना की सड़कों पर एक ऐसे ही सत्तू की दुकान पर पहुंचे एनडीटीवी इंडिया के मैनेजिंग एडिटर मनोरंजन भारती. चर्चा शुरू करने की देर थी. लोगों ने राजनीति और नेतृत्व पर बेबाक राय रखी.लोगों की राय में इस बार चुनाव पुराने चेहरों से अलग होगा. रामविलास पासवान अब हैं नहीं, नीतीश कुमार पर उम्र और थकान के तर्क दिए जा रहे हैं और लालू यादव भी सक्रिय राजनीति से पीछे हैं. ऐसे में बातचीत का केंद्र बिंदु बने तीन नाम तेजस्वी यादव, चिराग पासवान और प्रशांत किशोर.