महागठबंधन में सीटों के समझौते को लेकर लगातार बैठकें हो रही हैं. देर रात तक नेता लोग माथापच्ची में लगे हैं. फिर भी कुछ सीटों पर मामला फंसा हुआ है. खासकर बायसी, बहादुरगंज, रानीगंज, कहलगांव और सहरसा. सबसे पहले बात करते हैं सहरसा की, जहां पहले खबर आई कि यह सीट कांग्रेस लड़ेगी. ये भी कहा गया कि आईआईपी (इंडिया इनक्लुसिव पार्टी) के आईपी गुप्ता यहां से उम्मीदवार होंगे. कांग्रेस अपने कोटे से आईआईपी को दो सीट दे रही है, मगर अब कहा जा रहा है कि आरजेडी ने इस सीट पर दावा ठोक दिया है. लिहाजा ये सीट फंस गई है.सहरसा में पिछली बार बीजेपी के आलोक रंजन ने आरजेडी के लवली आनंद को 20 हजार मतों से हराया था. उसी तरह कहलगांव की सीट पर कांग्रेस का दावा है, क्योंकि यह सीट परंपरागत रूप से कांग्रेस की है और लगातार सदानंद सिंह ये सीट जीतते रहे हैं. पिछली बार यहां से बीजेपी जीती थी. अब आरजेडी इस सीट पर दावा कर रही है, मगर कांग्रेस इस सीट को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है. पिछली बार भी ये सीट कांग्रेस ने ही लड़ी थी. सीमांचल की बायसी और बहादुरगंज भी कांग्रेस लड़ना चाहती है, क्योंकि कांग्रेस का कहना है कि सीमांचल में कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है. यदि पप्पू यादव को मिला दिया जाए तो उसके पास सीमांचल में तीन सांसद हैं. किशनगंज,कटिहार और पूर्णिया.