बिहार में NDA में सीट शेयरिंग पर सहमति बन गई है. बीते करीब एक हफ्ते से सभी सहयोगी दलों के लिए सीट शेयरिंग को लेकर लगातार बातचीत का दौर जारी था. लेकिन एक सहमति नहीं बन पा रही थी. हालांकि दिल्ली में चली ताबड़तोड़ बैठकों के बाद सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय हुआ. जिस पर एनडीए के सभी दलों ने सहमति जताई. सीट शेयरिंग के अनुसार अब बिहार में भाजपा छोटा भाई नहीं कहलाएगी. इस बार बीजेपी और जदयू दोनों 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. इसके अलावा चिराग पासवान की पार्टी 29 तो उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी की पार्टी 6-6 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. सीट बंटवारों की घोषणा तो हो गई. लेकिन कई दिनों की माथापच्ची के बाद सीट शेयरिंग को कैसे अमलीजामा पहनाया गया, इसकी इनसाइड स्टोरी बड़ी रोचक है.बिहार में पिछली बार JDU 115 पर लड़ी थी, लेकिन जीती 43 सीटें थी. जीतने का स्ट्राइक रेट कम था, इसलिए गठबंधन में बड़े भाई का स्टेटस इस बार छिन गया. BJP-JDU में सीट शेयरिंग का फ़ार्मूला सप्ताह भर पहले ही तय हो गया था. लेकिन चिराग़ पासवान, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा से सीटों के बंटवारे पर विवाद बढ़ा तब बीजेपी शीर्ष नेतृत्व ने एक अलग फॉर्मूला बनाया, जिसके आधार पर सभी दलों को सीटें दी गई.