बिहार चुनाव में गोविंदगंज विधानसभा सीट BJP से लोजपा के खाते में गई, क्या कांग्रेस पलट पाएगी बाजी

बिहार के पूर्वी चंपारण जिले की गोविंदगंज विधानसभा सीट पर दूसरे चरण में मतदान होना है. गोविंदगंज विधानसभा सीट चिराग पासवान के खाते में इस बार चली गई है. लोजपा (रामविलास) ने राजू तिवारी को गोविंदगंज सीट से उम्मीदवार बनाया है. जबकि महागठबंधन में कांग्रेस ने शशि भूषण राय उर्फ गप्पू राय को प्रत्याशी बनाया है. कभी गोविंदगंज सीट कांग्रेस का अभेद्य किला मानी जाती थी, लेकिन 1990 के बाद बदलतेसमीकरणों ने इसे भाजपा की झोली में डाल दिया.गोविंदगंज सीट कभी कांग्रेस का गढ़ रहीकांग्रेस साल 1952 से 1967 तक लगातार यहां विजय पताका फहराती रही. लेकिन1980 चुनाव के बाद से कांग्रेस दोबारा अपना परचम नहीं लहरा सकी. साल 2008 में परिसीमन के बाद गोविंदगंज विधानसभा में दक्षिणी बरियारिया, पहाड़पुर और अरेराज इलाकों को भी शामिल कर लिया गया, जिससे जातीय समीकरण बदल गए.भाजपा उम्मीदवार सुनील मणि तिवारी ने 2020 के चुनाव में आक्रामक प्रचार अभियान के दम पर कांग्रेस के ब्रजेश कुमार को हराया था. तिवारी को 65544 वोट मिले और ब्रजेश कुमार 37620 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे. इस जीत के साथ भाजपा का यहां मजबूत वोट बैंक तैयार हो गया था.लोजपा ने 2015 का विधानसभा चुनाव जीतालोजपा के लिए 2015 का विधानसभा चुनाव खास रहा. लोजपा उम्मीदवार राजू तिवारी ने कांग्रेस के ब्रजेश कुमार को बड़े अंतर से हराया. उन्हें 74685 वोट हासिल हुए थे. इस जीत ने लोजपा को इस इलाके में मजबूत पहचान दी. यह संदेश दिया कि क्षेत्रीय दल भी यहां निर्णायक भूमिका निभा सकती हैं. जदयू की मीना द्विवेदी ने 2010 के गोविंदगंज विधानसभा चुनाव में 33,859 वोटों के साथ लोजपा के राजू तिवारी को हराकर जीत दर्ज की थी. जदयू ने विकास, जातिगत समीकरणों के आधार पर यहां अपना परचम लहराया.

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