संसद न बने पराजय की बौखलाहट का मैदान… शीतकालीन सत्र से पहले पीएम मोदी की विपक्ष को नसीहत

देश की जनता ने जो हमें जिम्मेदारी दी है जो है, उसे हमें गंभीरता ने निभाना चाहिए. जो बुरा होता है, उसमें टिप्पणी कैसे कर सकें, ताकि देश के नागरिकों का भी ज्ञानवर्धन हो ये मेहनत का काम है, लेकिन ऐसा करना चाहिए. ड्रामा करने के लिए जगह बहुत होती हैं, यहां ड्रामा नहीं डिलिवरी होनी चाहिए, जहां पराजित होकर आए हैं वहां बोलिए, जहां पराजय होना हैं वहां भी बोलिए, यहां नारे नहीं नीति पर बल होना चाहिए. संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले पीएम मोदी ने विपक्ष को सलाह देते हुए कहा कि शीतकाली सत्र केवल रिचुअल नहीं है, राष्ट्र को प्रगति की ओर तेज गति से ले जाने के जो प्रयास चल रहे हैं, उसमें ऊर्जा भरने का काम शीतकालीन सत्र करेगा. भारत ने लोकतंत्र को जिया है, लोकतंत्र के उमंग और उत्साह को ऐसे प्रकट किया है, जो समय-समय पर विश्वास और मजबूत होता रहता है. गत दिनों बिहार में जो चुनाव हुए हैं, उसमें भी मतदान जो हुआ है वो लोकंतत्र की सबसे बड़ी ताकत है. माताओं और बहनों की ताकत जो बड़ा रही है, वो अपने आप में विश्वास पैदा करती है.

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