यूपी में मदरसों का सर्वे कराने के फैसले को लेकर ओवैसी के आरोपों का योगी सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री दानिश ने करारा जवाब दिया है। दानिश ने ओवैसी को मुस्लिमों को गुमराह करने वाला भी बता दिया। कहा कि मदरसा में पढ़ने वाले मुस्लिम अपने हक को जानते हैं। योगी सरकार मुस्लिमों को सशक्त बनाने का काम कर रही है।
दानिश ने कहा कि यूपी सरकार अल्पसंख्यकों के लिए लगातार और ईमानदारी से काम कर रही है। चार मदरसों का आधुनिकीकरण हो या मदरसों के मुस्लिम युवाओं को सशक्त बनाने का मामला, योगी सरकार मुस्लिम समुदाय की उन्नति के लिए काम कर रही है।
दानिश ने कहा कि सूबे में मान्यता प्राप्त 16513 मदरसों के अलावा भी विभिन्न जिलों में कई मदरसे स्थापित हो गए हैं। जिन्हें बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है। उनका डेटा सरकार के पास यह जांचने के लिए होना चाहिए कि वहां पढ़ने वाले छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सुविधाएं मिल रही हैं या नहीं।
दानिश ने कहा कि यूपी सरकार मदरसों में पढ़ने वाले मुस्लिमों की तरक्की सुनिश्चित करने के लिए सर्वेक्षण करवा रही है। ओवैसी साहब (AIMIM प्रमुख) हमेशा गुमराह करने वाली राजनीति करते हैं। लेकिन आज के मुसलमान अच्छी तरह से अपने हक को लेकर वाकिफ हैं। वे जानते हैं कि उनके विकास के लिए क्या अच्छा है। आज के मुस्लिम युवकों को योगी सरकार पर भरोसा है।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने योगी के फैसले को सराहा
वहीं, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के चेयरमैन प्रियंक कानूनगो ने भी योगी सरकार के फैसले को सराहा और ओवैसी को लताड़ा है। चेयरमैन ने कहा कि ओवैसी सर झूठ बोल रहे हैं। वह अल्पसंख्यकों को गुमराह कर रहे हैं और युवाओं के अधिकारों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। यहां अनुच्छेद 30 का तर्क लागू नहीं होगा क्योंकि सरकार उन बच्चों के अधिकारों की संरक्षक है जो स्कूल से बाहर हैं। स्कूल न जाने वाले बच्चों का डेटा जानने के लिए हमें मदरसों के बारे में जानना ही होगा।
चेयरमैन प्रियंक कानूनगो ने कहा कि यूपी सरकार को बच्चों की स्थिति के बारे में जानने और उन्हें शिक्षा प्रणाली में फिर से शामिल करने का पूरा अधिकार है। हमारी रिपोर्ट से पता चलता है कि 1.10 करोड़ से अधिक बच्चे गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों में पढ़ रहे हैं।