नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्टूबर के अंत में होने वाले जी-20 सम्मेलन में शामिल होने के लिए इटली जाएंगे। वह इस दौरे पर इटली के साथ द्विपक्षीय मुद्दों जैसे रक्षा साझेदारी, छोटे मध्यम उद्यमों और कृषि जैसे क्षेत्रों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करेंगे। दोनों देशों ने इटली नौसैनिक मामले के कारण संबंधों में चुनौतियों पर काबू पा लिया है और अब साझेदारी को अगले स्तर तक बढ़ाने के लिए मंच तैयार है।

पीएम मोदी की इटली की आगामी यात्रा कोरोना वायरस प्रकोप के बाद से उनकी पहली यूरोप यात्रा है, जिसकी योजना पहले बनाई गई थी, लेकिन महामारी के कारण स्थगित कर दी गई थी। यह यात्रा भारत के शीर्ष भागीदारों में से एक यात्रा इटली के साथ क्षेत्रों में अवसरों को एक बार फिर नए सिरे से खोलेगी। इससे पहले 2009 में भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इटली का दौरा किया था।

इस यात्रा के तुरंत बाद प्रधानमंत्री मोदी की नवंबर की शुरुआत में COP26 शिखर सम्मेलन के लिए ग्लासगो जाने की भी योजना है। पिछले साल नवंबर में आयोजित आभासी सम्मेलन में भारत और इटली ने ऊर्जा, मीडिया, वित्त और जहाज निर्माण जैसे क्षेत्रों से जुड़े 15 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए थे।

भारत और इटली के बीच रक्षा साझेदारी को एक बार दौबारा शुरु करने का प्रयास किया जा रहा है। सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने जुलाई में इटली का दौरा किया था कसिनो शहर में एक भारतीय सेना स्मारक का उद्घाटन किया था। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अपनी जान गंवाने वाले भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए स्मारक का निर्माण किया गया है।

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