बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के लोगों और धार्मिक स्थलों पर हुए हमलों को लेकर आरएसएस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कहा कि ये हमले एक साजिश का हिस्सा थे ताकि अल्पसंख्यक समुदाय को वहां से खदेड़ा जा सके। इसके साथ ही आरएसएस की ओर से केंद्र सरकार से अपील की गई है कि वह इस संबंध में बांग्लादेश से बात करे और हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। मध्य प्रदेश के धारवाड़ में संघ की तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह बात कही गई। आरएसएस के सह-सर कार्यवाह अरुण कुमार ने कहा कि संघ यह मांग करता है कि बांग्लादेश सरकार को उन तत्वों के खिलाफ कड़ा ऐक्शन लेना चाहिए, जिन्होंने हिंदू समुदाय के लोगों पर हमले किए।

आरएसएस की तीन दिवसीय बैठक की शुरुआत धारवाड़ में गुरुवार को हुई। अरुण कुमार ने बैठक में पारित प्रस्ताव का जिक्र करते हुए कहा, ‘बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ की गई हिंसा पूरी तरह से एक साजिश थी ताकि अल्पसंख्यकों को देश से खदेड़ा जा सके। इन हमलों का मकसद यह था कि फेक न्यूज के जरिए धार्मिक हिंसा फैलाई जा सके और हिंदुओं का पलायन हो जाए।’ आरएसएस ने अपने प्रस्ताव में कहा कि केंद्र सरकार को सभी कूटनीतिक प्रयास करते हुए इस मामले पर बात करनी चाहिए। संघ ने कहा कि हिंदुओं और बौद्धों के खिलाफ हमले रुकने चाहिए।

इसके साथ ही आरएसएस की ओर से उन लोगों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करने की मांग की गई है, जिन्होंने इन हमलों का अंजाम दिया था। इसके साथ ही संघ ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक संस्थाओं की चुप्पी पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि इस मामले पर संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठनों की चुप्पी दोहरे रवैये को सामने लाती है। संघ ने कहा कि हमारी मांग है कि इन हमलों को अंजाम देने वालों को सजा दी जाए। ऐसा होने पर ही बौद्ध और हिंदू समुदाय के लोग सम्मानजनक तरीके से रह पाएंगे।

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