राष्ट्रगान के अपमान का मामला: ममता बनर्जी को मिली राहत, सेशन कोर्ट ने समन पर लगाई रोक

    मुंबई सत्र न्यायालय ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ मजिस्ट्रेट कोर्ट द्वारा जारी समन पर रोक लगा दी है। ममता बनर्जी को राष्ट्रीय सम्मान के अपमान की रोकथाम अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध के लिए उनके खिलाफ दायर एक मामले में 2 मार्च को तलब किया गया था। सुनवाई की अगली तारीख 25 मार्च तय की गई है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पिछले साल दिसंबर में मुंबई दौरे पर आई थीं। यहां उन्होंने सत्ताधारी शिवसेना और एनसीपी के नेताओं से मुलाकात की थी। इसी दौरे पर एक कार्यक्रम के दौरान उनपर राष्ट्रगान के अपमान का आरोप लगा था।

    जानिए क्या है मामला

    2 फरवरी को मुंबई की मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को दो मार्च को पेश होने का निर्देश दिया था। अदालत ने ममता बनर्जी को यह आदेश पिछले साल उनकी मुंबई यात्रा के दौरान राष्ट्रगान का कथित अपमान करने के खिलाफ दर्ज शिकायत को लेकर दिया था। शिकायत मुंबई भाजपा के नेता विवेकानंद गुप्ता ने दर्ज कराई थी।

    अदालत ने यह भी कहा था कि हालांकि ममता बनर्जी एक मुख्यमंत्री हैं, उनके खिलाफ कार्यवाही पर आगे बढ़ने के लिए मंजूरी की आवश्यकता नहीं है और इस पर किसी तरह की रोक लागू नहीं होती है क्योंकि वह अपने आधिकारिक कर्तव्य का निर्वहन नहीं कर रही थीं। भाजपा की मुंबई इकाई के कार्यकर्ता विवेकानंद गुप्ता दिसंबर 2021 में मझगांव की मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अदालत में सीएम ममता के खिलाफ शिकायत लेकर पहुंचे थे। उन्होंने इस शिकायत में आरोप लगाया था कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने अपनी मुंबई की यात्रा के दौरान राष्ट्रगान का अपमान किया था। गुप्ता ने इस मामले में बनर्जी के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग की थी।

    अदालत ने कहा था, पहली नजर में बनर्जी ने किया अपमान

    अदालत ने कहा था कि यह प्रथम दृष्टया शिकायत, शिकायतकर्ता के बयान, वीडियो क्लिप और यूट्यूब पर वीडियो से स्पष्ट है कि आरोपी ने राष्ट्रगान गाया और अचानक रुक गईं और फिर मंच छोड़ दिया। यह प्रथम दृष्टया साबित करता है कि आरोपी ने राष्ट्रीय सम्मान के अपमान की रोकथाम अधिनियम, 1971 की धारा तीन के तहत दंडनीय अपराध किया है।

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