बिहार में दूसरी बार महागठबंधन की सरकार, नीतीश कुमार 8वीं बार बने CM; तेजस्वी यादव बने डिप्टी

    बिहार में फिर महागठबंधन की सरकार बनी है। नीतीश कुमार बुधवार को दूसरी बार महागठबंधन के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। उनके साथ राजद नेता तेजस्वी यादव उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। दोपहर 2 बजे राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया। यहां राज्यपाल फागू चौहान ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। 5 वर्ष बाद बिहार में फिर से महागठबंधन की सरकार बनी है। पिछले महागठबंधन सरकार में तीन दल शामिल थे, जबकि इसबार 7 दलों की यह सरकार होगी। मंगलवार शाम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महागठबंधन के घटक दलों राजद, कांग्रेस, सीपीआई एमएल, सीपीएम, सीपीआई और हम के साथ राज्यपाल फागू चौहान के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश किया। दावा पेश करने के तकरीबन डेढ़ घंटे पहले उन्होंने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा था।

    प्रदेश मुख्यालय में भाजपा का आज महाधरना

    सरकार से अलग होते ही भाजपा आक्रमक हो गई है और नई सरकार का पुरजोर विरोध पहले दिन से ही शुरू कर दिया है। 10 अगस्त को भाजपा प्रदेश कार्यालय के सामने महाधरना का आयोजन किया गया है। इसमें पार्टी के सभी प्रमुख नेता मौजूद रहेंगे। ये सभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विरोध में नारेबाजी करेंगे। इसके बाद 12 अगस्त को सभी जिला मुख्यालयों पर इसी तरह का धरना-प्रदर्शन होगा, जिसमें जिला से लेकर राज्य स्तरीय नेता शामिल होंगे। इसके बाद 13 अगस्त को सभी प्रखंड मुख्यालयों पर सरकार विरोधी धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया जायेगा। भाजपा इस तरह की सरकार विरोधी गतिविधि निरंतर जारी रखेगी।

    चार विधायकों पर एक मंत्री का बन रहा फॉर्मूला

    विधायकों की संख्या के अनुसार बिहार में सीएम को छोड़कर 35 मंत्री बन सकते हैं। हालांकि मंत्री बनाने का फॉर्मूला महागठबंधन के शीर्ष नेता आपस में मिल-बैठकर ही तय करेंगे। लेकिन राजनीतिक गलियारे में महागठबंधन के फॉर्मूले पर चर्चाओं का बाजार गरम जरूर है। बिहार में कुल विधायकों की संख्या 243 है। सात दलों के 164 विधायकों ने सरकार के समर्थन में पत्र सौंपा है। वामदल समर्थन में जरूर हैं लेकिन वे सरकार में शामिल नहीं होंगे। इस हिसाब से देखें तो 143 विधायक सरकार के प्रत्यक्ष तौर पर अंग होंगे। अधिकतम 35 मंत्री बनने की सीमाओं के मुताबिक चार विधायक पर एक मंत्री बनाने के फॉर्मूले पर सहमति बन सकती है। जदयू कोटे में 11 से लेकर 13 मंत्री बनने की चर्चा है। संभावितों में बिजेन्द्र प्रसाद यादव, विजय कुमार चौधरी, श्रवण कुमार, लेसी सिंह, संजय कुमार झा, जमा खां, मदन सहनी, अशोक चौधरी, उपेन्द्र कुशवाहा मंत्री बनाये जा सकते हैं।

    नीतीश कुमार के पास 164 विधायकों का समर्थन

    राज्यपाल को पेश दावे के मुताबिक नीतीश कुमार को 164 विधायकों का समर्थन प्राप्त है, इसमें सात दलों के विधायकों के अलावा एक निर्दलीय भी शामिल हैं। राज्यपाल ने देर शाम मुख्यमंत्री का इस्तीफा स्वीकार करते हुए उन्हें कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहने का अनुरोध किया। साथ ही नई सरकार के गठन के लिए आमंत्रित किया।

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