ओपी राजभर को मऊ में और झटके, इस्तीफों की झड़ी, महेंद्र के समर्थन में और 45 ने सुभासपा छोड़ी

    सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) प्रमुख ओम प्रकाश राजभर को एक हफ्ते के अंदर दूसरा बड़ा झटका लगा है। सुभासपा से 45 और पदाधिकारियों और सक्रिय कार्यकर्ताओं ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया है। ओपी राजभर को छोड़ने वाले सुभासपा के पूर्व उपाध्यक्ष महेंद्र राजभर के समर्थन में सभी ने इस्तीफा दिया है। मऊ के कोपागंज में आयोजित बैठक के दौरान कार्यकर्ताओं ने बड़ा फैसला लिया है। सभी कार्यकर्ताओं ने सुभासपा की टोपी भी आज उतार दी।

    ओपी राजभर को पिछले एक महीने में कई झटके लग चुके हैं। पहले राष्ट्रीय प्रवक्ता शशिप्रताप सिंह ने कई पदाधिकारियों के साथ इस्तीफा दिया था। उन्होंने नया दल भी बना लिया था। इसके बाद ओपी राजभर के समधि लगने वाले पार्टी के उपाध्यक्ष महेंद्र राजभर ने पार्टी छोड़ी। अब 45 ने एक साथ इस्तीफा दिया है।

    महेंद्र राजभर ने ओमप्रकाश राजभर पर मनमाने तरीके से फैसले लेने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जब भी कोई कार्यक्रम करना होता है तो कार्यकर्ताओं को उत्साहित कर वह कार्यक्रम को सफल बनाने की तैयारी करते हैं, जब कार्यकर्ता के सम्मान की बात आती है तो उन्हें नहीं पूछा जाता, न ही उनसे राय ली जाती है। कहा कि राजभर अपने बड़े भाई मुख्तार अंसारी से भी राय लेकर पार्टी चलाते हैं।

    वहीं, ओपी राजभर के बेटे अरुण राजभर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सुभासपा एक पाठशाला की तरह है। यहां आकर लोग सीखते हैं और जब बड़ी डिग्री पाने की आकांक्षा जगती है, तो ऐसा कदम उठाते हैं. अरुण राजभर का कहना है कि महेंद्र काफी समय से पार्टी के सदस्य हैं और अभी तक काफी खुश थे. अचानक क्या हो गया?

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