छात्रवृत्ति घोटाला: हाइजिया ने कई कॉलेजों के खुलवाए फर्जी बैंक खाते, ग्रामीणों को झांसा देकर लगवाया अंगूठा

    छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को लखनऊ के हाइजिया इंस्टीट्यूट की अन्य कॉलेजों और फि नो पेमेंट बैंक के एजेंटों में गहरी पैठ के प्रमाण मिले हैं। पता चला है कि लखनऊ, बाराबंकी और हरदोई के कई कॉलेजों ने छात्रवृत्ति हड़पने के लिए फर्जी बैंक खाते खुलवाने में हाइजिया इंस्टीट्यूट के संचालकों की मदद ली थी।

    ईडी के अधिकारी हाइजिया के संचालकों को इस घोटाले का मास्टरमाइंड बता रहे हैं। उनका दावा है कि अधिकांश एजेंट हाइजिया के संचालकों के संपर्क में रहते थे और उनके इशारे पर बाकी कॉलेजों से संपर्क साधते थे।

    जांच में ईडी को लखनऊ में कानपुर रोड स्थित एक कॉलेज और बाराबंकी के फार्मेसी कॉलेज की संलिप्तता के प्रमाण मिले हैं। इन दोनों कॉलेजों के संचालकों को पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। ईडी कार्यालय में रविवार को भी दस्तावेजों की जांच जारी थी। अधिकारियों के मुताबिक सोमवार से आरोपी कॉलेज संचालकों, उनके परिजनों और उनके करीबियों के बैंक खातों व लॉकरों की पड़ताल की जाएगी।

    एजेंट का भाई आईबी में अफसर
    ईडी के मुताबिक फर्जी खाते खोलने में शामिल लखनऊ निवासी फि नो पेमेंट बैंक का एजेंट रवि प्रकाश गुप्ता का भाई केंद्रीय खुफिया एजेंसी आईबी में अफसर है। इससे पहले लखनऊ के एजेंट अमित कुमार मौर्या की भूमिका भी इस घोटाले में सामने आ चुकी है। उसका पिता भी यूपी पुलिस में दरोगा है।
    ग्रामीणों को झांसा देकर लगवाया अंगूठा
    यह तथ्य भी सामने आया है कि फि नो पेमेंट बैंक के एजेंटों ने ग्रामीणों के आधार कार्ड बनवाते और केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का झांसा देकर मशीन में अंगूठा लगवाते थे। बाद में उनके नामों से खाता खोलकर बैंक की तरफ से दी जाने वाली किट कॉलेज संचालकों को सौंप देते थे। ग्रामीणों को उनके नाम पर खाता खुलने और छात्रवृत्ति आने का कभी पता भी नहीं चलता था।

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