मुसलमानों ने पहली बार “तीन तलाक” कानून के लिए पीएम मोदी को सराहा, कहा-अल्पसंख्यकों के लिए किए बेहतर काम

    मुसलमानों ने देश में तीन तलाक कानून लागू करने को लेकर पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। विभिन्न संगठनों के मुस्लिम नेताओं ने कहा कि तीन तलाक कानून लाकर प्रधानमंत्री ने मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों को सुरक्षित किया है। इसकी बहुत जरूरत थी। मुस्लिम नेताओं ने कहा कि इस्लाम में भी तीन तलाक को जगह नहीं दी गई है। प्रधानमंत्री के इस फैसले से मुस्लिम महिलाओं का शोषण कम हुआ है। मुस्लिम संगठनों ने कहा कि पीएम मोदी ने अमृतकाल में अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए सराहनीय काम किया है। नेताओं ने कहा कि अच्छे काम की हमेशा तारीफ की जानी चाहिए। पीएम मोदी के कार्यकाल में मुसलमानों के कल्याण पर काफी फोकस किया गया है।

    आल इंडिया माइनॉरिटी कांक्लेव में अहमदिया मुसलमानों ने कहा कि तीन तलाक पर मोदी सरकार ने जो फैसला लिया वह सराहनीय है। अहमदिया मुस्लिम समुदाय के विदेश मामलों के निदेशक अहसान गौरी ने कहा कि मोदी सरकार का तीन तलाक बिल मुस्लिम महिलाओं के सशक्तीकरण की दिशा में उठाया गया सराहनीय कदम है। इस्लाम भी तीन तलाक को नहीं मानता। मुस्लिम संगठनों के अन्य नेता भी इस दौरान मौजूद रहे। सभी ने कहा कि अल्पसंख्यकों के हित में मोदी सरकार बगैर भेदभाव के काम कर रही है। इससे पहले किसी भी सरकार ने ऐसा काम नहीं किया। इसलिए अच्छे कार्यों की हमेशा तारीफ होनी चाहिए। अहमदिया मुस्लिम यूथ एसोसिएशन के अध्यक्ष तारिक अहमद ने कहा कि तीन तलाक पर कानून लाने के प्रधानमंत्री के फैसले की हम सराहना करते हैं। इससे मु्स्लिम महिलाओं की जिंदगी में अहम बदलाव आने लगा है। इस्लाम भी तीन तलाक को तवज्जो नहीं देता है।

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