Myanmar: विद्रोही गुट का दावा- सेना ने बौद्ध मठ में लोगों को लाइन से खड़ा कर गोलियों से भूना, 28 की मौत

    शान प्रांत थाईलैंड की सीमा से लगा हुआ राज्य है और यहां तख्तापलट के बाद से ही सेना को कड़े विरोध का सामना करना पड़ रहा है। यही वजह है कि यहां हिंसक झड़पें आम बात हो गई हैं।

    म्यांमार आर्मी ने एक बौद्ध मठ पर हमला कर 28 लोगों को मौत के घाट उतार दिया। म्यांमार के शान राज्य के एक गांव में इस हमले को अंजाम दिया गया। एक विद्रोही संगठन कारेन्नी नेशनलिस्ट डिफेंस फोर्स (केएनडीएफ) ने यह दावा किया है। म्यांमार में सैन्य तख्तापलट को दो साल के करीब हो चुके हैं और उसके बाद से भारत के इस पड़ोसी देश में सेना और विद्रोही संगठनों के बीच हिंसा जारी है। हाल के दिनों में सेना और विद्रोही संगठनों के बीच लड़ाई में तेजी आई है।

    विद्रोही संगठन केएनडीएफ का दावा
    केएनडीएफ ने बताया कि शनिवार को म्यांमार की सेना ने शान प्रांत के एक गांव पर हमला किया। हमले में म्यांमार की एयरफोर्स और थल सेना दोनों ने संयुक्त रूप से कार्रवाई की। सेना के हमले से बचने के लिए लोग गांव के बौद्ध मठ में छिप गए लेकिन वहां भी सेना ने उनकी जान नहीं बख्शी। केएनडीएफ का कहना है कि सेना के हमले में 28 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। म्यांमार के मीडिया में छपी खबरों के अनुसार, सेना ने लोगों को मठ की दीवार के सहारे खड़ा करके गोलियों से भून दिया। मरने वालों में मठ को भिक्षु भी शामिल हैं।

    कारेन्नी संगठन के प्रभाव वाले इलाके में हुआ हमला
    म्यांमार की सेना का यह हमला इतना बेरहम था कि गांव के कई मकानों में भी आग लगा दी गई। बता दें कि शान प्रांत थाईलैंड की सीमा से लगा हुआ राज्य है और यहां तख्तापलट के बाद से ही सेना को कड़े विरोध का सामना करना पड़ रहा है। यही वजह है कि यहां हिंसक झड़पें आम बात हो गई हैं। कारेन्नी संगठन सेना विरोधी है और शान प्रांत की राजधानी नान नेईन इनका गढ़ माना जाता है। हालांकि बीते कुछ समय से म्यांमार की सेना इस इलाके में अपनी पकड़ मजबूत कर रही है।

    म्यांमार में जारी हिंसा में 2900 की गई जान
    बता दें कि म्यांमार में साल 2021 में सरकार का तख्तापलट कर सेना ने सत्ता पर कब्जा जमा लिया था। उसके बाद से ही देश में हिंसा जारी है। अभी तक इस हिंसा में म्यांमार में 40 हजार लोग बेघर हो गए हैं। अस्सी लाख बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं और डेढ़ करोड़ लोग कुपोषण के शिकार हैं। अभी तक इस लड़ाई में आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 2900 लोगों की मौत हुई है।

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