Pakistan: अदालत ने कहा- अगर इमरान गिरफ्तार नहीं होना चाहते तो खुद कोर्ट में सरेंडर करें, ये शर्त भी रखी

    पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस जफर इकबाल ने पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये बात कही। तोशाखाना मामले में इमरान खान के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की मांग की जा रही है।

    पाकिस्तान में इमरान खान को लेकर गृह युद्ध जैसे हालात बने हुए हैं। एक तरफ पाकिस्तान की सरकार इमरान खान को गिरफ्तार करने की कोशिशों में जुटी है तो दूसरी ओर वह इससे बचने के लिए हर तरह से कोशिश कर रहे हैं। इमरान के समर्थकों ने उनका घर घेर लिया है और देशभर में हिंसक प्रदर्शन भी हो रहे हैं।

    इस बीच, पाकिस्तान की एक अदालत ने कहा है कि अगर इमरान खान गिरफ्तारी से बचना चाहते हैं तो वह खुद कोर्ट में सरेंडर कर दें। तोशाखाना मामले में सुनवाई के दौरान अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय (ADSJ) के जस्टिस जफर इकबाल ने कहा कि अगर इमरान खान कोर्ट में सरेंडर करते हैं, तो वह पुलिस को गिरफ्तारी का आदेश नहीं देंगे।

    पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस जफर इकबाल ने पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये बात कही। तोशाखाना मामले में इमरान खान के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की मांग की जा रही है।

    अब तक क्या-क्या हुआ? 
    दरअसल, पाकिस्तान के कानून के अनुसार किसी विदेशी राज्य के गणमान्य व्यक्तियों से प्राप्त कोई भी उपहार स्टेट डिपॉजिटरी यानी तोशाखाना में रखना होता है। अगर राज्य का मुखिया उपहार को अपने पास रखना चाहता है तो उसके लिए उसे इसके मूल्य के बराबर राशि का भुगतान करना होगा। यह एक नीलामी की प्रक्रिया के जरिए तय किया जाता है। ये उपहार या तो तोशाखाना में जमा रहते हैं या नीलाम किए जा सकते हैं और इसके माध्यम से अर्जित धन को राष्ट्रीय खजाने में जमा किया जाता है।

    कहानी इमरान के प्रधानमंत्री रहते हुए शुरू हुई थी। 2018 में सत्ता में आए इमरान खान को आधिकारिक यात्राओं के दौरान करीब 14 करोड़ रुपये के 58 उपहार मिले थे। इन महंगे उपहारों को तोशाखाना में जमा किया गया था। बाद में इमरान खान ने इन्हें तोशखाने से सस्ते दाम पर खरीद लिया और फिर महंगे दाम पर बाजार में बेच दिया। इस पूरी प्रक्रिया के लिए उन्होंने सरकारी कानून में बदलाव भी किए।

    मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इमरान ने 2.15 करोड़ रुपये में इन गिफ्ट्स को तोशखाने से खरीदा था और इन्हें बेचकर 5.8 करोड़ रुपये का मुनाफा कमा लिया। इन गिफ्टस में एक ग्राफ घड़ी, कफलिंक का एक जोड़ा, एक महंगा पेन, एक अंगूठी और चार रोलेक्स घड़ियां भी थीं।

    गैरजमानती वारंट जारी, समर्थकों ने शुरू किया हिंसक प्रदर्शन
    पाकिस्तान की एक अदालत 28 फरवरी को इमरान खान पर अभियोग लगाने की तैयारी में थी, लेकिन पूर्व पीएम के वकील ने जज से अनुरोध किया था कि उन्हें सुनवाई से छूट दी जाए, क्योंकि उन्हें कई अन्य अदालतों में पेश होना है। अदालत ने बाद में इमरान के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था और पुलिस को सात मार्च तक अदालत में पेश करने का निर्देश दिया था। लेकिन इमरान पेश नहीं हुए। इसके बाद सोमवार को फिर से अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी कर 18 मार्च तक कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया।

    इसपर बुधवार सुबह जमान पार्क के बाहर पुलिस ने इमरान के आवास में घुसने के कई प्रयास किए, लेकिन उन्हें पीटीआई समर्थकों ने विफल कर दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, समर्थकों द्वारा सुरक्षाकर्मियों पर पथराव किया गया। जवाब में पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े।

    दूसरी ओर, पीटीआई समर्थकों ने लाहौर में एक पानी के टैंकर, मोटरसाइकिलों और आसपास के अन्य वाहनों में आग लगा दी। उन्होंने माल रोड स्थित वार्डन के कार्यालय में भी तोड़फोड़ की। सुबह 10:30 बजे बख्तरबंद पुलिस वैन एक बार फिर इमरान के आवास पहुंची।

    पीटीआई कार्यकर्ताओं का इस्लामाबाद पुलिस, पंजाब पुलिस और बाद में रेंजर्स कर्मियों से टकराव सोमवार से जारी है। अभी भी नरमी का कोई संकेत नहीं है। अब तक, झड़प के दौरान करीब 30 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जबकि कम से कम 15 पीटीआई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है। इलाके में इंटरनेट कनेक्टिविटी भी प्रभावित हुई है। उधर इमरान खान ने जमान पार्क स्थित अपने आवास से देश को संबोधित किया। उन्होंने दावा किया कि उनके आवास पर हमला हो रहा है। खान ने कहा, ‘हमने कभी ऐसा नहीं देखा … मैंने कभी किसी राजनीतिक नेता के घर पर ऐसा हमला नहीं देखा।’ पीटीआई प्रमुख ने अपने जुर्म के बारे में पूछा और कहा कि उनके खिलाफ तोशखाना मामला फर्जी और अनुचित है।

    हाईकोर्ट ने रैली पर लगाई रोक
    लाहौर हाईकोर्ट ने इकबाल पार्क में रविवार को होने वाली पीटीआई की रैली पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि नागरिकों को अपनी आम जिंदगी जीने दें। बता दें कि पीटीआई 19 मार्च को लाहौर के मीनार-ए-पाकिस्तान में एक ऐतिहासिक रैली आयोजित करने की योजना बना रही थी। इमरान खान रैली का नेतृत्व करने वाले थे।

    पाकिस्तान में इमरान खान को लेकर गृह युद्ध जैसे हालात बने हुए हैं। एक तरफ पाकिस्तान की सरकार इमरान खान को गिरफ्तार करने की कोशिशों में जुटी है तो दूसरी ओर वह इससे बचने के लिए हर तरह से कोशिश कर रहे हैं। इमरान के समर्थकों ने उनका घर घेर लिया है और देशभर में हिंसक प्रदर्शन भी हो रहे हैं।

    इस बीच, पाकिस्तान की एक अदालत ने कहा है कि अगर इमरान खान गिरफ्तारी से बचना चाहते हैं तो वह खुद कोर्ट में सरेंडर कर दें। तोशाखाना मामले में सुनवाई के दौरान अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय (ADSJ) के जस्टिस जफर इकबाल ने कहा कि अगर इमरान खान कोर्ट में सरेंडर करते हैं, तो वह पुलिस को गिरफ्तारी का आदेश नहीं देंगे।

    पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस जफर इकबाल ने पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये बात कही। तोशाखाना मामले में इमरान खान के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की मांग की जा रही है।

    अब तक क्या-क्या हुआ? 
    दरअसल, पाकिस्तान के कानून के अनुसार किसी विदेशी राज्य के गणमान्य व्यक्तियों से प्राप्त कोई भी उपहार स्टेट डिपॉजिटरी यानी तोशाखाना में रखना होता है। अगर राज्य का मुखिया उपहार को अपने पास रखना चाहता है तो उसके लिए उसे इसके मूल्य के बराबर राशि का भुगतान करना होगा। यह एक नीलामी की प्रक्रिया के जरिए तय किया जाता है। ये उपहार या तो तोशाखाना में जमा रहते हैं या नीलाम किए जा सकते हैं और इसके माध्यम से अर्जित धन को राष्ट्रीय खजाने में जमा किया जाता है।

    कहानी इमरान के प्रधानमंत्री रहते हुए शुरू हुई थी। 2018 में सत्ता में आए इमरान खान को आधिकारिक यात्राओं के दौरान करीब 14 करोड़ रुपये के 58 उपहार मिले थे। इन महंगे उपहारों को तोशाखाना में जमा किया गया था। बाद में इमरान खान ने इन्हें तोशखाने से सस्ते दाम पर खरीद लिया और फिर महंगे दाम पर बाजार में बेच दिया। इस पूरी प्रक्रिया के लिए उन्होंने सरकारी कानून में बदलाव भी किए।

    मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इमरान ने 2.15 करोड़ रुपये में इन गिफ्ट्स को तोशखाने से खरीदा था और इन्हें बेचकर 5.8 करोड़ रुपये का मुनाफा कमा लिया। इन गिफ्टस में एक ग्राफ घड़ी, कफलिंक का एक जोड़ा, एक महंगा पेन, एक अंगूठी और चार रोलेक्स घड़ियां भी थीं।

    गैरजमानती वारंट जारी, समर्थकों ने शुरू किया हिंसक प्रदर्शन
    पाकिस्तान की एक अदालत 28 फरवरी को इमरान खान पर अभियोग लगाने की तैयारी में थी, लेकिन पूर्व पीएम के वकील ने जज से अनुरोध किया था कि उन्हें सुनवाई से छूट दी जाए, क्योंकि उन्हें कई अन्य अदालतों में पेश होना है। अदालत ने बाद में इमरान के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था और पुलिस को सात मार्च तक अदालत में पेश करने का निर्देश दिया था। लेकिन इमरान पेश नहीं हुए। इसके बाद सोमवार को फिर से अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी कर 18 मार्च तक कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया।

    इसपर बुधवार सुबह जमान पार्क के बाहर पुलिस ने इमरान के आवास में घुसने के कई प्रयास किए, लेकिन उन्हें पीटीआई समर्थकों ने विफल कर दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, समर्थकों द्वारा सुरक्षाकर्मियों पर पथराव किया गया। जवाब में पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े।

    दूसरी ओर, पीटीआई समर्थकों ने लाहौर में एक पानी के टैंकर, मोटरसाइकिलों और आसपास के अन्य वाहनों में आग लगा दी। उन्होंने माल रोड स्थित वार्डन के कार्यालय में भी तोड़फोड़ की। सुबह 10:30 बजे बख्तरबंद पुलिस वैन एक बार फिर इमरान के आवास पहुंची।

    पीटीआई कार्यकर्ताओं का इस्लामाबाद पुलिस, पंजाब पुलिस और बाद में रेंजर्स कर्मियों से टकराव सोमवार से जारी है। अभी भी नरमी का कोई संकेत नहीं है। अब तक, झड़प के दौरान करीब 30 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जबकि कम से कम 15 पीटीआई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है। इलाके में इंटरनेट कनेक्टिविटी भी प्रभावित हुई है। उधर इमरान खान ने जमान पार्क स्थित अपने आवास से देश को संबोधित किया। उन्होंने दावा किया कि उनके आवास पर हमला हो रहा है। खान ने कहा, ‘हमने कभी ऐसा नहीं देखा … मैंने कभी किसी राजनीतिक नेता के घर पर ऐसा हमला नहीं देखा।’ पीटीआई प्रमुख ने अपने जुर्म के बारे में पूछा और कहा कि उनके खिलाफ तोशखाना मामला फर्जी और अनुचित है।

    हाईकोर्ट ने रैली पर लगाई रोक
    लाहौर हाईकोर्ट ने इकबाल पार्क में रविवार को होने वाली पीटीआई की रैली पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि नागरिकों को अपनी आम जिंदगी जीने दें। बता दें कि पीटीआई 19 मार्च को लाहौर के मीनार-ए-पाकिस्तान में एक ऐतिहासिक रैली आयोजित करने की योजना बना रही थी। इमरान खान रैली का नेतृत्व करने वाले थे।

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