स्कूलों के दबाव में जिला प्रशासन, फिर टली बैठक

    लखनऊ। स्कूलों के बाहर जाम खत्म कराने के बजाय जिला प्रशासन खुद इनके दबाव में है। ट्रैफिक प्लान की कार्ययोजना के लिए स्कूलवालों को लगातार समय दिया जा रहा है। इनकी मांग पर बृहस्पतिवार को भी प्रस्तावित बैठक स्थगित कर दी गई। अब एक अप्रैल के बाद रोस्टर बनाकर इनकी कार्ययोजना का प्रजेंटेशन कराया जाएगा। फिर सभी स्कूलों के ट्रैफिक प्लान तैयार होंगे।

    डीएम सूर्यपाल गंगवार ने कहा, वित्तीय वर्ष खत्म हो रहा है। ऐसे में स्कूल प्रबंधकों ने ट्रैफिक प्लान बनाने की प्रक्रिया 31 मार्च के बाद करने की मांग की थी, जिसे मान लिया गया है। एक अप्रैल के बाद रोस्टर तैयार कर प्रजेंटेशन होंगे। एक दिन में 10 स्कूलों को बुलाने की योजना है। इस दौरान ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी भी रहेंगे, जिससे उनके सुझाव लिए जा सकें। कहा कि स्कूल अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते।

    …अंदर नहीं खड़े हो पाएंगे वाहन

    ला मॉर्टिनियर गर्ल्स स्कूल की प्रिंसपल आश्रिता दास ने बताया कि स्कूल में अंदर गर्ल्स हॉस्टल है। ऐसे में परिसर के अंदर गाड़ी खड़ी करने की इजाजत नहीं दे सकते हैं। हमारे पास वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं है। डीएम को इससे अवगत करा दिया है। शिक्षकों व स्टाफ की मदद से ट्रैफिक प्रबंधन करवाते हैं। कैथेड्रल के फादर डोनाल्ड ने कहा कि स्कूल में दो हजार बच्चे पढ़ते हैं। परिसर के अंदर गाड़ी खड़ी करवाने से कोई हादसा हो गया तो कौन जिम्मेदार होगा?

    जहां जगह वहां अंदर खड़े होते हैं वाहन

    सिटी मांटेसरी स्कूल के ऋषि खन्ना ने बताया कि जहां पार्किंग है, वहां गाड़ियां अंदर खड़ी होती हैं। जहां जगह कम है, वहां वैकल्पिक व्यवस्था कर रहे हैं। पूरी कोशिश रहती है कि जाम न लगे। जयपुरिया स्कूल के प्रशासनिक अधिकारी सुरेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि बसें स्कूल के पीछे वाले गेट के अंदर और वैन गेट नंबर 1 के अंदर बनी जगह में खड़ी होती हैं। इसके अलावा गार्ड मुस्तैद रहते हैं, जो गलत पार्किंग पर अनाउंसमेंट करते हैं। हम अभिभावकों की काउंसलिंग कर सफेद लाइन के अंदर ही वाहन खड़ा करने का अनुरोध करते हैं। स्कूल के समय में ट्रक, ट्रैक्टर ट्राली आदि न आएं तो कोई परेशानी न हो।

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