अब रोडवेज अधिकारियों से शिकायत कर सकेंगे यात्री

    साहिबाबाद। बसों में अब विवाद हुआ या कोई भी समस्या आने पर यात्री रोडवेज के अधिकारियों को तुरंत सूचित कर सकेंगे। यात्रियों की सुविधा के लिए रोडवेज की सभी बसों में अधिकारियों के सीयूजी नंबर लगाए जाएंगे। बसों में बढ़ते विवादों के मद्देनजर परिवहन निगम ने बसों में अधिकारियों के नंबर लगाए जाने के दिशा निर्देश जारी किए हैं। एआरएम शिव बालक ने बताया कि सभी अधिकारियों से सीयूजी नंबर प्लेट प्रिंट होकर आ चुके हैं, सोमवार से बसों में लगाना शुरू कर दिया जाएगा। गाजियाबाद रीजन में लोनी, हापुड़, बुलंदशहर, कौशांबी, खुर्जा, सिकंदराबाद, साहिबाबाद गाजियाबाद सभी अधिकारियों के सीयूजी नंबर जारी किए गए हैं। चालक और कंडक्टर की मनमानी की सूचना भी इन नंबरों के माध्यम से अधिकारियों को दी जा सकेगी।

    15 दिन में पूरा करना है काम
    परिवहन निगम ने सभी रीजन के आरएम और एआरएम को यह आदेश दिया है कि पंद्रह दिन के अंदर बसों में स्टीकर के जरिये या पेंट के जरिये सभी नंबर दर्ज किए जाएं। कौशांबी डिपो के अंदर करीब 900 बसें आती हैं। इन सभी बसों में यह सीयूजी नंबर दर्ज करवाया जाना है। पूरे गाजियाबाद रीजन में अलग-अलग डिपो से रोजाना करीब 2000 बसें आती हैं।

    अधिकारियों के यह सीयूजी नंबर बसों में किए जाएंगे चस्पा
    गाजियाबाद रीजन
    आरएम – 8726005035
    एसएम- 8726005036
    एआरएम (एफ)(गाजियाबाद) -8726005037
    एआरएम (पी)(गाजियाबाद)- 8726005038
    एआरएम(खुर्जा)- 8726005039
    एआरएम (बुलंदशहर)- 8726005040
    एआरएम(लोनी)- 8726005041
    एआरएम(हापुड़)-8726005042
    एआरएम(सिकंदराबाद)- 8726005043
    एआरएम (साहिबाबाद)- 8726005044
    एआरएम (कौशांबी)- 8726005045
    एआरएम (गाजियाबाद)- 8726005046

    पूर्व में इन रूटों पर हो चुकी है घटनाएं
    केस एक-
    लखनऊ के आलमबाग टर्मिनल पर बुलंदशहर रोडवेज की बस ने डिपो परिसर में इस साल 23 मार्च को एक व्यक्ति को कुचल दिया था। मौके पर मौजूद वरिष्ठ लिपिक ने घटना की सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को नहीं दी। इस मामले में घायल का इलाज भी नहीं किया गया, जिससे उसकी मौके पर मौत हो गई। परिवहन निगम ने कार्रवाई करते हुए वरिष्ठ लिपिक को अग्रिम आदेशों तक निलंबित कर दिया।
    केस दो-
    कौशांबी बस डिपो की एक बस ने 19 मार्च को डिपो से बाहर निकलते हुए एक यात्री के पैर पर बस चढ़ा दी थी। डिपो पर घटना होने के बावजूद रोडवेज अधिकारियों की इसकी जानकारी नहीं हो सकी थी और अखबार के माध्यम से उन्हें मालूम हुआ था।

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