बिजनौर के स्योहारा में अपने ही गांव के दो सगे भाइयों की हत्या करने के बाद आदित्य राणा पुलिस के लिए सिर दर्द बन चुका था। वह हर बार पुलिस की गिरफ्त से फरार हो जाता, पुलिस उसे ढूंढने में नाकाम साबित हो रही थी कि मंगलवार देर रात उसे मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया।
उत्तर प्रदेश के बिजलनौर में साल 2013 में पहली बार हत्या कर आदित्य ने जरायम में कदम रखा, इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। क्षेत्र में एक के बाद एक लगातार तीन हत्या कर आदित्य राणा सुर्खियों में आया था। गांव में अपने ही पड़ोस में रहने वाले दो सगे भाइयों को एक साल में मौत के घाट उतारने के बाद आदित्य जिले की पुलिस के लिए सिर दर्द बन गया था।
आदित्य राणा पुत्र राजपाल सिंह ने अपराध की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाने की दौड़ में एक के बाद एक अपराध कर अपने आपराधिक रिकॉर्ड में बढ़ोतरी करने लगा था।
अपराध की दुनिया में सबसे पहला कदम आदित्य राणा ने 11 दिसंबर 2013 में अपने साथी के कहने पर क्षेत्र के गांव कासमाबाद निवासी युवक धर्मवीर की हत्या कर रखा था। आदित्य स्योहारा क्षेत्र में सुर्ख़ियों तब आया जब पुलिस मुखबिर के शक में 14 अक्तूबर 2017 को मुकेश पुत्र नत्थू सिंह की गांव के पास ही गोली मार कर हत्या कर दी थी।
घटना के बाद पुलिस ने आदित्य को काफी तलाश किया, लेकिन वह पुलिस को चकमा देता रहा। उसने 10 जनवरी 2018 को कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। मृतक मुकेश के परिजन अभी मुकेश हत्याकांड को भुला भी नहीं पाए थे कि आदित्य ने मुकेश हत्याकांड की पैरवी कर रहे उसके छोटे भाई राकेश की 27 सितंबर 2018 की शाम को गांव से मात्र तीन सौ मीटर दूरी पर स्थित गांव बेरखेड़ा में ताबड़तोड़ गोली बरसा कर हत्या कर दी थी। राकेश की पत्नी ममतेश की तहरीर पर आदित्य सहित सात लोगों के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था।