चिप के लिए चीन पर भारत की निर्भरता जल्द होगी खत्म, सामने आई यह अच्छी खबर

    अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हाल ही में पिछले साल चिप्स और विज्ञान अधिनियम को लागू किया था, जो अमेरिका को देश में अधिक चिप निर्माण को आकर्षित करने के लिए सक्षम बनाता है।

    अमेरिका और भारत के स्थानीय सेमीकंडक्टर निर्माण को बढ़ावा देने के बाद चीन से चिप का आयात 2023 की पहली तिमाही में 23 प्रतिशत गिर गया है। मीडिया रिपोर्ट में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई। जनरल एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ कस्टम्स के आंकड़ों के मुताबिक, चीन ने इस साल जनवरी से मार्च के बीच 108.2 अरब इंटीग्रेटेड सर्किट (आईसी) का आयात किया, जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 22.9 फीसदी कम है। आंकड़ों के मुताबिक, चिप आयात का कुल मूल्य पिछले साल के 107.1 अरब डॉलर से 26.7 फीसदी घटकर 78.5 अरब डॉलर रह गया।

    सीमा शुल्क डेटा का हवाला देते हुए रिपोर्ट में कहा गया, “2023 के पहले तीन महीनों में चीन का आईसी निर्यात साल-दर-साल 13.5 फीसदी गिरकर 60.9 अरब यूनिट हो गया, जबकि एक साल पहले इसमें 4.6 फीसदी की गिरावट आई थी। निर्यात का कुल मूल्य 17.6 फीसदी गिरा।” यह महत्वपूर्ण गिरावट दर्शाती है कि कैसे भू-राजनीतिक तनाव और चीन पर बढ़ते अमेरिकी प्रतिबंधों ने देश और बाकी दुनिया के बीच सेमीकंडक्टर कारोबार को बाधित किया है।

    76,000 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दी

    अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हाल ही में पिछले साल चिप्स और विज्ञान अधिनियम को लागू किया था, जो अमेरिका को देश में अधिक चिप निर्माण को आकर्षित करने के लिए सक्षम बनाता है। इस बीच, भारत सरकार ने सेमीकंडक्टर्स और डिस्प्ले मैन्युफैक्च रिंग के क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए 76,000 करोड़ रुपये (10 अरब डॉलर) को मंजूरी दी। भारत और अमेरिका ने पिछले महीने भारत-अमेरिका वाणिज्यिक संवाद के ढांचे के तहत अर्धचालक आपूर्ति श्रृंखला और नवाचार साझेदारी स्थापित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here