केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में आप्रवास विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा है कि पांच हजार साल से प्रवासियों के बारे में भारत का ट्रैक रिकॉर्ड बेदाग रहा है, इसलिए किसी शरणार्थी नीति की हमें जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि हमारे देश में कौन आता है और कितने समय के लिए आता है, देश की सुरक्षा के लिए यह जानने का अधिकार है.गृह मंत्री ने Immigration & Foreigners Bill पर लोकसभा में चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि ये देश कोई धर्मशाला नहीं है. जो देश के लिए खतरा रहेगा, उसको प्रवेश की अनुमति नहीं है. यह देश कोई धर्मशाला नहीं है, कि किसी भी उद्देश्य से आए और जहां चाहे रह जाएगा. उन्होंने कहा कि कानूनन तौर पर अगर कोई हमारे देश में आता है तो उसका स्वागत है, लेकिन अगर सुरक्षा के लिए कोई खतरा है तो उसको रोकने का हमारी संसद के बाद अधिकार है.उन्होंने साथ ही कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोग आकर कहीं सबसे सुरक्षित और शान के साथ रहते हैं तो वो भारत है. उन्होंने कहा कि पुराने विधेयक में 45 धाराएं थीं, लेकिन नए विधेयक में 36 धाराएं हैं.