माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह अप्रैल में सालाना आधार पर 12.6 प्रतिशत बढ़कर अबतक के उच्चतम स्तर लगभग 2.37 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया. यह मजबूत आर्थिक गतिविधियों और कंपनियों के मार्च के अंत में खातों के मिलान को दर्शाता है.जीएसटी संग्रह बीते वर्ष अप्रैल में 2.10 लाख करोड़ रुपये रहा था. यह देश में एक जुलाई, 2017 से नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था लागू होने के बाद का दूसरा सर्वाधिक जीएसटी संग्रह है. इससे पहले, मार्च 2025 में कर संग्रह 1.96 लाख करोड़ रुपये था.बृहस्पतिवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2025 के दौरान घरेलू लेनदेन से जीएसटी राजस्व 10.7 प्रतिशत बढ़कर लगभग 1.9 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि आयातित वस्तुओं से राजस्व 20.8 प्रतिशत बढ़कर 46,913 करोड़ रुपये रहा.