बांग्लादेश के सेना प्रमुख और मोहम्मद यूनुस के बीच मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं. बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकर-उज-जमान ने कहा है कि बांग्लादेश में चुनाव दिसंबर तक हो जाने चाहिए, जबकि अंतरिम सरकार देश में चुनाव की तारीखों की घोषणा करने में देरी कर रही है. मोहम्मद यूनुस के आलोचकों ने उन पर जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश जैसे कट्टरपंथी इस्लामी समूहों के समर्थन से छात्र संगठनों का इस्तेमाल कर सत्ता पर काबिज होने का आरोप लगाया है. सेना प्रमुख ने सेना के अधिकारियों से कहा कि चुनावों पर उनका रुख अपरिवर्तित है और देश के भविष्य का फैसला करना निर्वाचित सरकार का अधिकार है.यह घटना रोहिंग्या संकट से निपटने के लिए “मानवीय गलियारा” स्थापित करने को लेकर सेना प्रमुख और अंतरिम सरकार के बीच मतभेदों के बीच हुई है. सेना प्रमुख ने बुधवार को ढाका छावनी में एक कार्यक्रम में अधिकारियों को संबोधित किया था. बांग्लादेश मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, संबोधन के दौरान जनरल वकर-उज़-ज़मान ने कहा कि मानवीय गलियारे पर निर्णय एक निर्वाचित सरकार द्वारा लिया जाना चाहिए और उचित प्रक्रिया का पालन करना चाहिए.