देशभर में अब तक 2 लाख 50 हज़ार से ज्यादा 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों को स्क्रैप किया जा चुका है. सरकार का कहना है कि ऐसी पुरानी गाड़ियां जो अधिक प्रदूषण फैलाती हैं और सड़क सुरक्षा के लिए खतरा बन चुकी हैं उन्हें अब सड़कों पर नहीं रहने दिया जाएगा. दिल्ली में एक जुलाई से EVL गाड़ियों को डीजल या पेट्रोल न देने का आदेश भी इसी से जुड़ा है.क्या है स्क्रैपिंग नीति?केंद्र सरकार ने 13 अगस्त 2021 को व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी की शुरुआत की थी. 10 साल से ज्यादा पुरानी डीजल और 15 साल से ज्यादा पुरानी पेट्रोल गाड़ियों को सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल तरीके से स्क्रैप करना. अब तक देशभर में 2.45 लाख गाड़ियां स्क्रैप हो चुकी हैं. इनमें सरकारी और निजी दोनों तरह के वाहन शामिल हैं.