केंद्र सरकार गंभीर आपराधिक केस में गिरफ्तार होने पर प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री को पद से हटाने का कानून बनाने जा रही है. जिनके तहत गंभीर आपराधिक मामलों में गिरफ्तार मुख्यमंत्री या मंत्रियों को पद से हटाने का प्रावधान किया गया है. इन बिलों पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने ऐसा बयान दिया है जिसने पार्टी को असहज कर दिया है. थरूर ने कहा कि अगर आप 30 दिन जेल में रहते हो तो क्या आप मंत्री बने रह सकते हो? मैं इसमें कोई गलत चीज नहीं देखता हूं. यह तो कॉमन सेंस की बात है.अगर इसके पीछे कोई और सोच है तो उसे समझना पड़ेगा. उनका यह बयान कांग्रेस की आधिकारिक लाइन से अलग माना जा रहा है. पार्टी फिलहाल केंद्र सरकार के इस कदम पर सख्त रुख अपना रही है, लेकिन थरूर ने इसे तार्किक करार दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि इन तीनों बिलों पर संसद की समिति में चर्चा होना अच्छी बात है. उनके इस रुख ने कांग्रेस के भीतर एक बार फिर असहजता बढ़ा दी है, क्योंकि पार्टी मानती है कि यह बिल विपक्षी नेताओं को टारगेट करने का हथियार बन सकता है.