हिंदूवादी नेता यति नरसिंहानंद सरस्वती एक बार फिर अपने बयानों को लेकर विवादों में है. उन्होंने अपने हालिया बयान में एक बेटा पैदा करने वाली माओं की तुलना नागिन से कर दी है. उन्होंने मुजफ्फरनगर में श्री श्यामा श्याम मंदिर में एक कार्यक्रम के दौरान ये बातें कही हैं. उनके इस बयान के बाद अब उनकी कड़ी आलोचना भी हो रही है. ये कोई पहला मौका नहीं है जब यति नरसिंहानंद सरस्वती इस तरह का विवादित बयान दिया है.मुजफ्फरनगर में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने आगे कहा कि आज कल हमारे घरों में हो क्या रहा है. अगर किसी को पहला बेटा हो जाता है तो वो दूसरा बच्चा करना ही नहीं चाहता. और ज्यादातर क्या होता है एक बेटा और एक बेटी. ये बहुत बड़ा पाप है. हमारा धर्म कहता है, हमारे वेद कहता है कि एक बेटे के होने से तो बेटे के ना होना अच्छा है. ये वेद का वाक्या है कि एक बेटे के होने से तो बेटे का ना होना अच्छा है.अगर आपमे से कोई एक बेटा करता है तो अच्छा है कि उसे भी ना करे. वो मां जो सिर्फ एक बेटे को जन्म देती है वो नागिन की तरह होती है. जैसे नागिन अपने अंडे देती है और उन्हें खुद ही खा लेती है. एक बेटे की मां ऐसी होती है जिसने अपनी मौज मस्ती के लिए बेटा तो पैदा कर लिया लेकिन उसके विनाश का कारण वही मां बनेगी. एक बेटा जिसका कोई सगा भाई है ही नहीं, फिर इस धरती पर उसकी मदद करने वाला कौन है. भगवा राम ने हमे बताया था कि भाई का क्या महत्व होता है. नेपाल हिंसा पर भी दिया बयानउन्होंने नेपाल हिंसा पर कहा कि नेपाल में हिंदुओं का दमन करने का परिणाम वहां के नेताओं को मिल रहा है उन्होंने जिस तरह हिंदू भावनाओं को कुचला है. देश को जबरदस्ती धर्मनिरपेक्ष देश बनाना चाहा है तो जनता ने क्रोधित होकर वहां प्रचंड तांडव किया यह दुनिया के सारे नेताओं के लिए सबक होना चाहिए विशेष रूप से भारत के नेता उनके लिए.