काश अंग्रेज हमें भी गुलाम बनाते… जेन-जी आंदोलन के बीच क्यों छलका नेपाली नागरिक का ये दर्द

हम नेपाली लोग इस बात पर खुश होते हैं कि हमें कभी कोई गुलाम नहीं बना सका. लेकिन अब हमें लगता है कि अगर अंग्रेज भारत के साथ हमें भी गुलाम बना लिए होते तो नेपाल बहुत आगे होता. कम से कम हमारे पास ट्रेन होती, बेहतर सड़कें होतीं और रोजगार के कुछ उपाय होते…’ ये कहना है नेपाल के पाल्पा के रहने वाले खेम बहादुर का, जगह थी भारत नेपाल सीमा पर स्थित रूपैडीहा बॉर्डर। भारत में बसे या काम से आए हुए नेपाली नागरिक अस्थिर हो चुके अपने देश के हालात के बीच अपने घर वापस लौटते के लिए एक एक कर बॉर्डर पर आ रहे थे. इसी में एक व्यक्ति एसएसबी चेक पोस्ट के पास खड़ा था। खेम बहादुर का कहना है कि नेपाल में रोजगार के साधन नहीं हैं. लोकतांत्रिक व्यवस्था में हमें विकास की बहुत उम्मीदें थी. लेकिन नेपाल के नेताओं ने सिर्फ अपना विकास किया. इन नेताओं ने नेपाल की जनता को उसके हाल पर छोड़ दिया. वो मानते हैं कि अगर नेपाल का नेतृत्व ठीक रहता तो शायद देश के हालात ऐसे नहीं होते, जैसे अभी हैं.

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