समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके अनुसार उनमें से किसी भी देश पर किसी भी हमले को ‘दोनों के विरुद्ध आक्रमण’ माना जायेगा. यह कुछ ऐसा ही समझौता है जो पश्चिमी देशों के संगठन NATO में देखा जाता है. अब पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि इस रक्षा समझौते में अन्य अरब देशों के प्रवेश से इनकार नहीं किया जा सका. यानी खाड़ी के दूसरे मुस्लिम मुल्क भी इसमें शामिल हो सकते हैं. पाक रक्षा मंत्री ने साफ कहा है कि कि “दरवाजे बंद नहीं हैं”.NATO यानी उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (North Atlantic Treaty Organisation). असल में दूसरे विश्व युद्ध के समाप्त होने के तुरंत बाद 30-देशों ने रक्षात्मक सैन्य गठबंधन बनाया और उसे नाटो नाम दिया. पश्चिमी यूरोपीय देशों ने उस समय के सोवियत रूस का मुकाबला करने के लिए अमेरिका और कनाडा से हाथ मिलाकर इस संगठन को बनाया. इसका मुख्यालय यानी हेडक्वार्टर बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स में है. लेकिन इसपर अमेरिका समेत परमाणु हथियार रखने वाले अन्य पश्चिमी देशों (फ्रांस, यूके) का प्रभुत्व है.