राजनीति के रंग भी बड़े निराले होते हैं. कभी यहां शतरंज के बिसात पर मोहरे बिछाने होते हैं तो चाहे-अनचाहे यहां सांप -सीढ़ी के खेल से भी गुजरना पड़ता है. एक नेताजी जो लंबे समय से सीमांचल के पिछड़े इलाके अमौर से कभी राजद तो कभी भाजपा और बहरहाल जेडीयू की राजनीतिक सवारी करते रहे हैं, उनके टिकट को लेकर शनिवार को नया ट्विस्ट आ गया. दरअसल, एक नए नेता जी जो बिहार से लेकर दिल्ली तक भाजपा ,जेडीयू, लोजपा की नेतागिरी कर चुके हैं और शनिवार को अचानक हवाई जहाज से पूर्णिया पहुंचकर फिर से जेडीयू की सदस्यता ग्रहण कर लिया. इसके बाद से ही चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया कि दिल्ली से आने वाले नेताजी पूर्व सांसद साबिर अली अमौर विधानसभा क्षेत्र से जेडीयू के प्रत्याशी होंगे. अमौर वाले नेताजी मो सबा जफर भी मंजे हुए खिलाड़ी निकले, राजनीतिक नजाकत को समझते हुए दो दिन पहले मिले चुनाव चिन्ह के साथ शनिवार को नामांकन का पर्चा दाख़िल कर दिया. देखना दिलचस्प होगा कि सबा जफर को लेकर पार्टी क्या फ़ैसला लेती है.कौन हैं साबिर अली, क्यों आए पूर्णियासाबिर अली वर्ष 2008-14 तक जेडीयू कोटे से राज्यसभा के सदस्य रह चुके हैं. उसके बाद वे लोजपा और भाजपा में भी रह चुके हैं. वे मूल रूप से बिहार के रक्सौल के निवासी हैं लेकिन दिल्ली उनका कार्यक्षेत्र रहा है. वे दिल्ली प्रदेश जेडीयू के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।श्री अली ने शनिवार को पूर्णिया पहुंचकर बिहार सरकार की काबीना मंत्री लेशी सिंह के आवास पर जेडीयू की सदस्यता ग्रहण कर किया. अली का अचानक पूर्णिया आना और यहां पार्टी जॉइन करने के साथ ही कयासों का दौर शुरू हो गया कि क्या श्री अली अमौर से जेडीयू प्रत्याशी होंगे. हालांकि, अली ने सिर्फ इतना ही कहा कि पार्टी उन्हें जो भी जिम्मेवारी देगी उसका निर्वहन करेंगे.