मध्यप्रदेश के ग्वालियर में हुई घटना सिर्फ एक शख्स के अपमान की नहीं ये कहानी उस समाज की है जहां जाति आज भी जंजीरों में जकड़ी है. ग्वालियर के एक दलित ड्राइवर को अपहरण कर न सिर्फ बेरहमी से पीटा गया बल्कि जिंदा इंसान को अपमान की आखिरी हद तक धकेल दिया गया और कथित तौर पर उसे पेशाब पिलाया गया. लेकिन ये अकेली घटना नहीं है और कई हिस्सों से ऐसी ही खबरें आई हैं. भिंड, कटनी, दमोह में भी ऐसी घटनाएं ग्वालियर से भिंड, कटनी और दमोह तक फैली ये कहानी किसी अपराध नहीं, इंसानियत के गिरते स्तर की गवाही दे रही है. एक दलित ड्राइवर जिसे सिर्फ इसलिए अपहरण कर पीटा गया क्योंकि उसने ‘ड्राइविंग छोड़ दी’. फिर हैवानियत की वह हद जब उसे जबरदस्ती शराब पिलाई गई और उसमें कथित तौर पर पेशाब मिलाया गया. तीन आरोपी सोनू बरुआ, आलोक पाठक और छोटू ओझा उसे गाड़ी में बैठा कर ले गए रास्ते भर पिटाई भी की.पीड़ित ने अपने साथ हुई घटना के बारे में बताया. उन्होंने कहा, ‘2 दिन पहले सोनू का फोन आया मेरी गाड़ी चलाओ. उसने गाली दी. फिर तीन लोग आए घर में दबोच लिया गाड़ी में डाला, उन्होंने मारपीट की, बंदूक, पाइप से मारा बोतल में बाथरूम करके पिलाया.’ राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री मंत्री राकेश शुक्ला ने इस घटना पर कहा, ‘पीड़ित ने बताया मुझे मारा और मारने के बाद किडनैप करके ग्वालियर से लेकर आए पुलिस ने छुड़ाया पेशाब पिलाने की बात बताई है और सारा मामला चीजें पुलिस की जांच में हैं.’