पत्थर से बेटी का पेट कुचल दिया ताकि… अफगानिस्तान में अबॉर्शन की रुला देने वाली कहानी

अफ़ग़ानिस्तान में गर्भपात कानूनन प्रतिबंधित है, और इसका उल्लंघन करने पर महिलाओं से लेकर डॉक्टरों तक को जेल भेजा जा सकता है. लेकिन तालिबान शासन के बाद से हालात इतने कठोर हो चुके हैं कि कई महिलाएं अपनी जान जोखिम में डालकर गुप्त गर्भपात करवाने को मजबूर हैं. इन कहानियों में छिपा दर्द, मजबूरी और खौफ किसी का भी दिल दहला सकता है.एएफपी के मुताबिक, काबुल की 35 वर्षीय बहारा (बदला हुआ नाम) अपनी चार बेटियों के बाद पांचवीं बार गर्भवती हुईं. बेरोज़गार पति ने साफ कह दिया कि “हल निकालो, लड़की नहीं चाहिए.” लड़कियों की शिक्षा, नौकरी और स्वतंत्रता पर पाबंदी के बीच पति को लगता था कि लड़कियों का भविष्य अंधकार में है. बहारा अस्पताल पहुंचीं, लेकिन डॉक्टर ने कहा- “हम ऐसा करेंगे तो जेल चले जाएंगे.” मजबूर होकर उन्होंने बाजार से दो डॉलर का एक हर्बल ड्रिंक लिया, जिसके बारे में कहा जाता है कि वह गर्भ में संकुचन लाता है.ड्रिंक लेने के बाद बहारा इतनी बुरी तरह खून बहाने लगीं कि उन्हें फिर अस्पताल जाना पड़ा. डॉक्टरों ने तुरंत ऑपरेशन कर भ्रूण के अवशेष निकाल दिए. बहारा आज भी बेहद कमजोर रहती हैं. विशेषज्ञों के अनुसार यह पौधा गलत मात्रा में शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है और भारी रक्तस्राव का कारण बन सकता है.बहारा की कहानी अकेली नहीं है. एएफपी के मुताबिक, महीनों की जांच में कई ऐसी महिलाओं से पता चला कि वे भी इसी तरह खतरनाक तरीकों से गर्भपात करा चुकी हैं. एक महिला, नेसा ने फार्मेसी से बिना पर्ची के वह दवा ले ली जो असल में मलेरिया की थी- लेकिन भ्रूण के लिए विषैली मानी जाती है. दवा लेने के बाद वह बेहोश होकर अस्पताल पहुंचीं. डॉक्टरों ने भ्रूण के अवशेष निकाल दिए, लेकिन वह आज भी उस पल को याद करके कांप उठती हैं.

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