ट्रंप के टैरिफ की मार से याद आया ब्लैक मंडे, शेयर बाजार के सबसे बुरे दिन का क्यों इतना खौफ

ट्रंप के टैरिफ के बाद दुनियाभर के बाजारों का बुरा हाल है. शेयर बाजार धड़ाम हुए जा रहे हैं. भारतीय शेयर बाजार आज यानी 7 अप्रैल को खुलते ही धड़ाम हो गया. सुबह 9:35 पर सेंसेक्स 2,381 अंक या 3.12 प्रतिशत की गिरावट के साथ 73,010 और निफ्टी 816 अंक या 3.56 प्रतिशत की गिरावट के साथ 22,088 पर था. इस गिरावट की वजह अमेरिका द्वारा लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ को माना जा रहा है, जिससे पूरी दुनिया में ट्रेड वार का खतरा बढ़ गया है. निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 2,045 अंक या 4.07 प्रतिशत की गिरावट के साथ 48,562 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 820 अंक या 5.24 प्रतिशत की गिरावट के साथ 14,855 पर था. ट्रंप के टैरिफ से जिस तरह के हालात बने हुए हैं, उसने लोगों को उस दिन यानि ब्लैक मंडे की याद दिला दी. जिसे शेयर बाजार के इतिहास का सबसे बुरा दिन माना जाता है. ट्रंप की टैरिफ की मार का जो असर शेयर बाजार में दिख रहा है, उससे एक बार फिर लोगों को ब्लैड मंडे की याद आ गई.शेयर बाजार की दुनिया में 19 अक्टूबर 1987 के दिन को ही ब्लैक मंडे कहा जाता है. दरअसल ये शेयर बाजार का सबसे बुरा दिन था. इन दिन डाउ जोन्स ही करीब 22% से अधिक नीचे गिर गया था. 19 अक्टूबर 1987 को अमेरिकी शेयर बाजार डाउ जोन्स में आई ये गिरावट अब तक की सबसे बड़ी सिंगल-डे क्रैश है. इस गिरावट का असर केवल अमेरिका तक ही नहीं रहा था बल्कि यह संकट यूरोप, एशिया और ऑस्ट्रेलिया के बाजारों में भी देखने को मिला था. ये वहीं सोमवार था और इस भारी क्रैश के चलते आज भी ब्लैक मंडे के नाम से जाना जाता है. इसे पहला ‘ग्लोबल शेयर बाजार क्रैश’ भी कहा जाता है.

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