इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बागपत की एक महिला के घर को हाईकोर्ट द्वारा अंतरिम रोक लगाने के बावजूद उसके घर को ध्वस्त करने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है. कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा है कि ऐसा लगता है कि राज्य के कार्यकारी अधिकारियों, खास तौर पर पुलिस और सिविल एडमिनिस्ट्रेशन के अधिकारियों के बीच न्यायिक आदेशों का उल्लंघन करने में एक तरह का गर्व महसूस करने की संस्कृति बन गई है. ऐसा लगता है कि इससे उन्हें अपराधी होने का अपराधबोध महसूस होने के बजाए उपलब्धि का अहसास होता है. इस मामले को हल्के में नहीं लिया जा सकता.