इंदौर की पिच को लेकर मुश्किल में बीसीसीआई, पहले ही दिन के बाद ICC लेने जा रहा है बड़ा फैसला

    इंदौर के होल्कर स्टेडियम में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच में पिच को लेकर बड़ा बवाल मच गया है।

    भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी का तीसरा मुकाबला खेला जा रहा है। ये मैच इंदौर के होल्कर स्टेडियम में हो रहा है। पहले दो टेस्ट मैचों में जीत हासिल करने के बाद टीम इंडिया 2-0 से आगे है। लेकिन तीसरे टेस्ट में कहानी पूरी तरह से बदल गई। टीम इंडिया पहले बल्लेबाजी करते हुए सिर्फ 109 रन पर ऑलआउट हो गई। वहीं दिन खत्म होते-होते चार विकेट ऑस्ट्रेलियाई टीम ने भी खो दिए। पिच में पहले सेशन से ही इतना टर्न देखने को मिला कि बल्लेबाजों के लिए खड़ा हो पाना भी भारी हो रहा था। और इसका खामियाजा अब बीसीसीआई को भुगतना पड़ सकता है।

    पिच को लेकर बेहस 

    होल्कर स्टेडियम की पिच पर शुरू से ही गेंद ने टर्न लेना शुरू कर दिया जिसने भारत में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चल रही सीरीज में कम तैयार पिचें बनाने की बहस को फिर शुरू कर दिया। आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) मैच रैफरी क्रिस ब्रॉड का पिच की खराब प्रकृति पर संज्ञान लेना निश्चित है और नागपुर व दिल्ली की पिच को ‘औसत’ रेटिंग दिए जाने के बाद मौजूदा टेस्ट मैच को ‘औसत से कमतर’ की रेटिंग मिल सकती है।

    तीन दिन में खत्म हो जाएगा मुकाबला

    सभी टीमें घरेलू धरती पर अपनी पसंदीदा हालात चाहती हैं लेकिन घरेलू मैदान का फायदा किस हद तक होना चाहिए? एक और टेस्ट तीन दिन के अंदर खत्म होने के लिए तैयार है। क्या यह खेल के लिए अच्छा है? दो हफ्ते पहले ही धर्मशाला से मैच स्थानांनतरित करने की घोषणा की गई तो क्या क्यूरेटरों को पिच तैयार करने के लिये पूरा समय मिल पाया? क्या बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) अंतिम मिनट में हुए बदलाव में बेहतर स्थल कर सकता था? इन सभी सवालों के जवाब दिए जाने की जरूरत है।

    सीरीज के सभी मैचों में अब तक दर्शकों की तादाद अच्छी रही है लेकिन अगर स्टेडियम की पिचों के मानकों की समस्या का हल नहीं निकला तो क्या ये फैंस मैच देखने पहुंचेंगे? पूर्व भारतीय कप्तान दिलीप वेंगसरकर का मानना है कि भारत में तीन दिन के अंदर टेस्ट खेलने का चलन टेस्ट क्रिकेट की खिल्ली उड़ाता है।

    दिग्गजों को भी पिच से शिकायत

    ऑस्ट्रेलिया के महान क्रिकेटर मैथ्यू हेडन ने इंदौर की पिच की आलोचना करते हुए कहा, ‘‘किसी भी तरह से छठे ही ओवर से स्पिनरों को गेंदबाजी के लिए नहीं आना चाहिए। इसलिए ही मैं इस तरह की पिचों को पंसद नहीं करता। पहले दिन से पिच इतनी नीची और टर्न लेने वाली नहीं होनी चाहिए। यह मायने नहीं रखता कि ऑस्ट्रेलिया यह टेस्ट जीते या फिर भारत। इस तरह की पिचें टेस्ट क्रिकेट के लिए अच्छी नहीं हैं। ’’

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