मार्च में दो साल बाद बरसे बादल तो खड़ी हुई मुसीबत

    10 साल में तीसरी सबसे अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई

    43.6 मिलीमीटर बरसात हो चुकी इस बार अब तक

    अमर उजाला ब्यूरो

    मुजफ्फरनगर। बेमौसम बारिश ने लोगों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। मार्च में पिछले दो साल में बारिश नहीं हुई थी। मगर, इस बार अब तक 43.6 मिलीमीटर बरसात हो चुकी है। गेहूं और सरसों की फसल को सबसे अधिक नुकसान है। दिन में कभी धूप खिली और कभी बूंदाबांदी होती रही।

    पिछले दस साल में तीसरा ऐसा मौका है, जब सबसे अधिक बारिश हुई है। साल 2015 में 114 मिमी और 2020 में 116 मिमी बरसात हुई थीं। पिछले दो सालों में मार्च महीने में बरसात नहीं हुई। इस बार पिछले तीन दिन से रूक-रूककर हो रही बरसात से आम जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया। तैयार खड़ी सरसों की फसल के झड़ने का खतरा बन गया है। कटाई के बाद खेत में पड़ी फसल बरसात के कारण खराब होने का अंदेशा है। गेहूं की फसल पकने के लिए तैयार है। बारिश के कारण खेतों में जलभराव से फसल गिर गई है। उत्पादन पर असर पड़ेगा, जिसे किसान चिंतित हैं।

    मार्च में कब कितनी हुई बरसात

    साल
    बारिश/मिमी
    2023

    43.6 अब तक

    2022

    00

    2021

    00

    2020

    116

    2019

    4.4

    2018

    18

    2017

    18

    2016

    40.4

    2015

    114

    2014

    25.6

    ——————–

    10 साल में दो बार हो मूसलाधार

    पिछले 10 साल में दो बार मूसलाधार बारिश भी हुई है। साल 2015 में 114 मिमी और 2020 में 116 मिमी बरसात हुई थी।

    इस तरह गिर गया तापमान

    बारिश के चलते सोमवार रात का न्यूनतम तापमान 15.3 डिग्री तक गिर गया। रात से मंगलवार दोपहर तक 11.2 मिमी बरसात रिकॉर्ड की गई।

    फसलों को हुआ नुकसान

    कृषि विज्ञान केंद्र चित्तौड़ा के प्रभारी प्रभा शंकर तिवारी का कहना है कि बारिश से नुकसान हुआ है। जिन क्षेत्रों में ओलावृष्टि हुई है, वहां सरसों की फसल को अधिक नुकसान है।

    खराब हो गई 20 बीघा फसल

    भौराकलां। बारिश के कारण गेहूं और सरसों की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। मोहम्मदपुर राय सिंह के किसान गौरव मलिक और लोकेंद्र सिंह ने बताया कि उनकी लगभग 20 बीघे गेहूं फसल खराब हो गई। भौराकलां के सुभाष , रामवीर का कहना है कि सोमवार रात हुई बारिश के कारण गेहूं की फसल गिर गई ।

    माफ किया जाए किसानों का ऋण

    छपार। भाकियू के पश्चिमी प्रदेश उपाध्यक्ष मांगेराम त्यागी ने सरकार से किसान की कर्ज माफी की मांग की है। किसान की स्थिति पहले से ही खराब होने के कारण परेशान हैं। भारी बारिश व ओलावृष्टि ने किसान की सरसों व गेहूं की पूरी तरह नष्ट है चुकी है।

    किसानों को मिलना चाहिए मुआवजा : टिकैत

    सिसौली। भाकियू प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि बारिश से गेहूं और सरसों की फसल में नुकसान हुआ है। सब्जी के किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा। किसानों को मुआवजा मिलना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे पत्र में टिकैत ने कहा कि देश पहले ही खाद्यान्न संकट से गुजर रहा है। अब ओलावृष्टि और बारिश से फसलों को फिर नुकसान हुआ है। सर्वे कराकर किसानों को मुआवजा दिया जाना चाहिए। संवाद

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