भारत के लिए क्‍यों जरूरी है ईरान का चाबहार पोर्ट, क्‍या है इसमें चीन का फैक्‍टर, जानें- एक्‍सपर्ट व्‍यू

    ईरान का चाबहार बंदरगाह एक बार फ‍िर सुर्खियों में है। दरअसल, अफगानिस्‍तान में तालिबान के शासन के बाद चाबहार बंदरगाह की सक्रियता पर असर पड़ा था। तालिबान के आश्वासन देने के बाद यहां ट्रैफिक में फिर से बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। तालिबान ने कहा है कि वह भारत के साथ अच्छे राजनयिक और व्यापारिक संबंध चाहता है, इसलिए क्षेत्रीय और वैश्विक व्यापार को सुगम बनाने के लिए पोर्ट का समर्थन करेगा। इस पोर्ट को भारत ने तैयार किया है। आखिर इस बंदरगाह का क्‍या महत्‍व है ? भारत के लिए यह कितना उपयोगी है ? चाबहार और इसका चीन फैक्‍टर क्‍या है ? आइए जानते हैं कि इस पूरे मामले में क्‍या है एक्‍सपर्ट की क्‍या राय है।

    भारत के लिए बेहद उपयोगी चाबहार बंदरगाह

    1- प्रो. हर्ष वी पंत का कहना है कि चाबहार बंदरगाह सामरिक लिहाज से भी भारत के बेहद उपयोगी है। इसे ग्वादर की तुलना में भारत के रणनीतिक पोर्ट के तौर पर देखा जाता है। ग्वादर को बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट के तहत चीन ने बनाया है। ग्‍वादर पोर्ट की दूरी चाबहार से सड़क मार्ग से महज 400 किमी दूर है, जबकि समुद्र से यह दूरी मात्र 100 किमी है। भारत की सुरक्षा के लिहाज से ग्‍वादर पोर्ट में चीन की मौजूदगी भारत के लिए बड़ी समस्‍या उत्‍पन्‍न कर सकता है। इसलिए ईरान के चाबहार बंदरगाह भारत के आर्थिक और रणनीतिक लिहाज से बेहद उपयोगी है। दूसरे, अरब सागर में चीन को चुनौती देने के लिहाज से यह बंदरगाह भारत के लिए अहम है।

    2- उन्‍होंने कहा कि भारत की यह चिंता तब और बढ़ जाती है जब ईरान पर चीन की पैनी नजर है। अमेरिका और ईरान से तनाव के बीच चीन तेहरान के काफी निकट भी आया है। अमेरिका ईरान में भारी निवेश कर रहा है। इसे देखते हुए भारत को अपनी रणनीति में बदलाव करना होगा। भारत को ड्रैगन की चाल से निपटने के लिए सजग रहना होगा। चाबहार बंदरगाह इस लिहाज से भारत के लिए काफी अहम बन गया है।

    3- प्रो पंत ने कहा कि यह आर्थिक लिहाज से भी भारत के लिए बेहद उपयोगी है। इसके जरिए भारत को अफगानिस्‍तान में पहुंच बढ़ाने में मदद मिलेगी। भारत पाकिस्‍तान से गुजरे बिना सीधे चाबहार बंदरगाह के जरिए अफगानिस्‍तान पहुंच पाएगा। इससे अफगानिस्‍तान में चल रहे भारतीय कामों के लिए पाकिस्‍तान पर निर्भरता कम होगी। तालिबान शासन से पूर्व भारत अफगानिस्‍तान को गेहूं और दूसरी सामग्री को चाबहार बंदरगाह के जरिए ही भेज रहा है। अफगानिस्‍तान से होने वाला निर्यात भी इसी मार्ग से होता है।

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